स्पोर्ट्स डेस्क. जिम्बाब्वे के पूर्व ऑलराउंडर हीथ स्ट्रीक दुनिया के सबसे खतरनाक बीमारी कैंसर से पीड़ित हैं और उनका दक्षिण अफ्रीका में इलाज चल रहा है. 49 वर्षीय स्ट्रीक को लीवर कैंसर हुआ है और वह लेवल-4 के पड़ाव पर है. वह अपनी जिंदगी और मौत के बीच हॉस्पिटल में जंग लड़ रहे हैं. पूर्व दिग्गज खिलाड़ी ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में अपनी महानता दिखाई है. वह कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) और गुजरात लायन्स के लिए कोचिंग स्टाफ का हिस्सा भी रह चुके हैं. उन्होंने जिम्बाब्वे के लिए 1993 से लेकर 2005 तक 65 टेस्ट और 189 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच खेले. इन दोनों प्रारूपों में उन्होंने कुल मिलाकर 4933 रन बनाए और 455 विकेट लिए.

स्ट्रीक के परिवार ने कहा कि हीथ को कैंसर है और दक्षिण अफ्रीका के बेहद प्रतिष्ठित कैंसर रोग विशेषज्ञ की देखरेख में उनका इलाज चल रहा है. उन्होंने अपना जज्बा बनाए रखा है और वह इस बीमारी से उसी तरह से लड़ेंगे जैसे कि वह अपने खेल के दिनों में क्रिकेट मैदान पर अपने विरोधियों का सामना करते थे. परिवार को उम्मीद है कि आप उनकी इच्छा को समझेंगे और उसका सम्मान करेंगे ताकि यह निजी पारिवारिक मामला बना रहे. वे आपकी प्रार्थनाओं और शुभकामनाओं के लिए आभार व्यक्त करते हैं. उनकी बिमारी का पता चलने के बाद पूरा क्रिकेट जगत स्ट्रीक के बेहतरी की कामना कर रहा है.

बता दें कि, स्ट्रीक जिम्बाब्वे की कप्तानी भी कर चुके हैं. उन्होंने 2004 में अपने क्रिकेट बोर्ड से मतभेद होने के कारण कप्तान पद छोड़ दिया था. इसके एक वर्ष बाद उन्होंने 31 वर्ष की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था. इसके बाद उन्होंने केकेआर के गेंदबाजी कोच का पद संभाला था. इसके अलावा वह गुजरात लायन्स, बांग्लादेश और समरसेट के गेंदबाजी कोच भी रहे. उन्होंने उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन एकेडमी में सलाहकार के रूप में भी काम किया. स्ट्रीक को 2021 में आठ वर्षों के लिए क्रिकेट से जुड़ी सभी तरह की गतिविधियों में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया था.

दरअसल, स्ट्रीक ने अंदरूनी जानकारी देने और भ्रष्ट पेशकश को शह देने सहित आईसीसी भ्रष्टाचार निरोधक संहिता के उल्लंघन से जुड़े पांच आरोपों को स्वीकार किया था जिसके बाद उन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया था. स्ट्रीक ने 12 वर्ष लंबे अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में बल्ले और गेंद से कमाल का प्रदर्शन किया. उन्होंने टेस्ट में 1990 रन बनाए है और साथ ही 216 विकेट भी लिए हैं. वहीं वनडे में उनके नाम 2943 रन और 239 विकेट दर्ज है. इसके अलावा उन्होंने 21 टेस्ट और 68 वनडे मैचों में जिम्बाब्वे की कप्तानी की है.