कांकेर। 50 साल आयु पूरी कर चुके अथवा 20 साल की नौकरी पूरी करने वाले वन कर्मचारियों को शासन अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे रहा है. जिसके खिलाफ वन कर्मचारी संघ ने मोर्चा खोल दिया है.
मंगलवार को कांकेर, कोंडागांव और नारायणपुर जिले के करीब 200 से अधिक कर्मचारियों ने कांकेर मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय पहुंचकर मुख्य वनसंरक्षक का घेराव किया. वन कर्मचारियों ने शासन के इस आदेश को निरंकुश निर्णय बताते हुए शासन के खिलाफ नारेबाजी भी की. वन कर्मचारी संघ ने बताया कि जिले में कुनकुरी के रेंजर एके ओहदार को इसी आधार पर सेवानिवृत्ति दे दी गई है. सेवानिवृत्ति की तलवार और भी कर्मचारियों पर लटकी हुई है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बिना किसी कारण के अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे रही है, जो गलत है. निरंकुश अफसरशाही का नमूना है. इन पदाधिकारियों ने कहा कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति के खिलाफ वे लगातार संघर्ष करते रहेंगे. उसके बाद 1 नवंबर से सभी वन कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि जब तक सरकार इस आदेश को निरस्त नहीं करेगी, तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा.