नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ग्रुप ऑफ सेवन (G-7) की मीटिंग को संबोधित किया. पीएम मोदी ने जी-7 समिट के पहले आउटरीच सत्र में ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ का मंत्र दिया. जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने विशेष रूप से पीएम के इस मंत्र का उल्लेख किया और इसका मजबूत समर्थन दिया. पीएम मोदी इस समिट में वर्चुअली शामिल हुए. प्रधानमंत्री ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के आमंत्रण पर डिजिटल माध्यम से इस सम्मेलन में शिरकत किए.

पीएम मोदी ने वैश्विक स्वास्थ्य में सुधार के लिए सामूहिक प्रयासों के लिए भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता जताई. भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए वैश्विक एकता, नेतृत्व और एकजुटता का आह्वान करते हुए, पीएम ने इस संबंध में लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों की विशेष जिम्मेदारी पर जोर दिया.

सत्र के दौरान पीएम मोदी ने भारत में कोविड संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान G-7 और अन्य गेस्ट देशों द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की. उन्होंने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए भारत के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला. प्रधानमंत्री मोदी ने संपर्क ट्रेसिंग और वैक्सीन प्रबंधन के लिए ओपन सोर्स डिजिटल टूल्स के भारत के सफल उपयोग के बारे में भी बताया और अन्य विकासशील देशों के साथ अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने की भारत की इच्छा से अवगत कराया.

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने पहले ट्रिप्स छूट के बारे में पीएम मोदी के साथ अपनी चर्चाओं का उल्लेख किया. साथ ही भारत को ऑस्ट्रेलिया के मजबूत समर्थन से अवगत कराया. फ्रेंच राष्ट्रपति ने भारत जैसे वैक्सीन उत्पादकों को कच्चे माल की आपूर्ति का आह्वान किया ताकि पूरी दुनिया के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीन उत्पादन सुनिश्चित किया जा सके.

बता दें कि पीएम मोदी 13 जून को भी जी-7 के समिट के संपर्क (आउटरीच) सत्रों में डिजिटल माध्यम से भाग लेंगे. G-7 समिट में कनाडा, इटली, जापान, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं. इस बार G-7 का नेतृत्व यूके (ब्रिटेन) कर रहा है. भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया जैसे देशों को भी आमंत्रित किया गया है. इस बार G-7 में कोरोना वायरस, फ्री ट्रेड और पर्यावरण पर चर्चा होनी है.

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