भोपाल। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के गद्दारी वाले बयान पर सियासत गरमा गई है. बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी और दुर्गश केसवानी ने प्रेस कांफ्रेंस किया. बीजेपी ने 16 सितंबर 1939 को दिग्विजय सिंह के पिता राजा बलभद्र सिंह का लिखा पत्र सार्वजनिक किया है. बीजेपी का दावा है कि दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में पुरातत्व विभाग की प्रदर्शनी में भी अवलोकन के लिए पत्र रखा गया था. जिसमें अंग्रेजों की भक्ति करने का जिक्र है. बीजेपी ने दिग्विजय सिंह को कहा है कि आपके परिवार के ग़द्दारी से इतिहास भरा हुआ है.

साहस है तो इन बिंदुओं के उत्तर दें

1. दिग्विजय सिंह को अपने वंश पर बड़ा घमंड है. जब देश भक्त अंग्रेजों की गोलियां खाकर शहीद हो रहे थे, तब दिग्विजय सिंह के पिता बलभद्र सिंह अपने वंशजों द्वारा की गई अंग्रेजों की सेवाओं की दुहाई देकर अपने और अपने परिवार के लिए सुविधाओं की मांग कर रहे थे.

2. बलभद्र सिंह ने अपने वंश और अंग्रेजों भक्ति का वर्णन करते हुए एक पत्र 16 सितंबर 1939 को लिखा था. “मेरे पूर्वजों ने 1779 से ब्रिटिश सरकार को भरपूर सेवाएं प्रदान की है मेरे पिताजी ने भी आपको अपनी निजी सेवा प्रदान की हैं और पिछले युद्ध के समय भी ब्रिटिश सरकार को राघोगढ़ से अपनी भरपूर सेवा प्रदान की है. अब मैं आपको अपनी वफादारियों से भरी सेवा प्रदान करना अपना धर्म समझता हूं.

3. दिग्गी राजा के पिता बलभद्र सिंह द्वारा अपनी अंग्रेज भक्ति को दर्शाने के लिए कथित रूप से लिखे गए पत्र दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रीत्त्व काल में सन 2002 में भोपाल में पुरातत्व विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में रखे गए थे.

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4. इतिहासकार राजा रघुवीर सिंह के अनुसार दिग्गी राजा के पूर्वजों को मुगलों की वफादारी के बदले में राघोगढ़ मिला. पानीपत की तीसरी लड़ाई में राघोगढ़ के तत्कालीन राजा ने ने मराठा साम्राज्य के सेनापति सदाशिवराव भाऊ को कोई सहयोग देने से इनकार कर दिया और मुगलों का साथ दिया.

5. ऊपर उल्लेखित प्रदर्शनी से जुड़ा एक प्रसंग चर्चा में रहता है कि दिग्गी राजा के पिता बलभद्र सिंह जी द्वारा अपनी अंग्रेज भक्ति को दर्शाने के लिए कथित रूप से लिखे गए पत्र दिग्विजय सिंह के मुख्यमंत्रीत्त्व काल में सन 2002 में भोपाल में पुरातत्व विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी में रखे गए थे.

प्रदर्शनी के उद्घाटन की भागमभाग के कारण पहले दिन पत्रों पर किसी का ध्यान नहीं गया, लेकिन अगले ही दिन जैसी ही इन पत्रों की चर्चा शुरू हुई मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री आग बबूला हो उठे. उन्होंने फौरन यह पत्र प्रदर्शनी से हटवा दिए, लेकिन तब तक राघोगढ़ की अंग्रेज भक्ति की काला देशद्रोही इतिहास सबके सामने आ चुका था.

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बता दें कि गुना जिले के मधुसूदनगढ़ इलाके के रघुनाथ गांव और विदिशा जिले के मुंडेला गांव में शनिवार को दिग्विजय सिंह ने सभाओं को संबोधित करते हुए कहा था कि मध्‍य प्रदेश में वर्ष 2018 में हुए चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार तो बन गई थी, लेकिन सिंधिया गद्दारी कर गए. सिंधिया जी कांग्रेस छोड़कर चले गए और एक-एक विधायक का 25-25 करोड़ रुपए ले गए. मैं इसका क्‍या करूं, किसने सोचा था ऐसा होगा. जनता ने तो राज्‍य में कांग्रेस की सरकार बनवा दी थी. दिग्विजय सिंह ने कहा इतिहास इस बात का साक्षी है. जब कोई व्‍यक्ति गद्दारी करता है, तो पीढ़ी दर पीढ़ी गद्दारी होती रहती है.

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