दिल्ली। सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान आपदा को अवसर में बदलने की घोषणा की थी। खास बात ये है कि कभी आम जन की पहुंच में रहने वाली खादी को अब सरकार ने आम और गरीब आदमी की पहुंच से बहुत दूर कर दिया है।

कोरोना से बचने के लिए मास्क सभी की जरूरत बन चुका है। घर से बाहर निकलने वाले हर व्यक्ति को मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। कोरोना से बचने को मास्क ज़रूरी बताया गया तो तरह-तरह के मास्क बाज़ार में आने लगे। इस दौरान देशभर के गांधी आश्रम ने मेक इन इण्डिया नारे के साथ खादी का मास्क तैयार कर दिया। खादी का बना यह मास्क एन-95 मास्क का तोड़ बताया जा रहा है। सरकार ने इस मास्क की जमकर ब्रांडिंग की और लोगों को इसे खरीदने को कहा।

खास बात ये है कि ये खादी के मास्क इतने महंगे हैं कि इन्हें आम आदमी शायद ही अफोर्ड कर पाए। तीन मास्क का सेट एक हजार रूपये का उपलब्ध है यानि कि एक मास्क की कीमत 333 रुपये होगी। मास्क के डिब्बे पर चरखा तो बदस्तूर कायम है लेकिन गांधी जी को रिप्लेस कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लगा दिया गया है। गांधी आश्रम के प्रोडक्ट से गांधी जी क्यों गायब किये गए यह सवाल उठना तो लाजमी है. सवाल यह है कि क्या गांधी आश्रम से भी गांधी जी की विदाई की शुरुआत हो गई है। अब लोगों ने मास्क की बेहद ज्यादा कीमतों और खादी से गांधी के आउट होने पर सवाल उठाना शुरू कर दिये हैं। लोग कह रहे हैं कि मोदी सरकार ने कोरोना जैसी आपदा को वाकई में कमाई के अवसर में बदल दिया।