राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए घोषणा की है कि इस साल गणेशोत्सव, जन्माष्टमी और मुहर्रम जैसे त्योहार बिना किसी कोविड-19 प्रतिबंध के मनाए जाएंगे. राज्य का सबसे बड़ा 10 दिवसीय सार्वजनिक उत्सव गणेशोत्सव 31 अगस्त से 9 सितंबर तक मनाया जाएगा, जबकि जन्माष्टमी का उत्सव 18-19 अगस्त को और मुहर्रम 9 अगस्त को मनाया जाएगा.

राज्य शासन ने सरकारी विभागों, नगर निकायों, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों, पुलिस और अन्य निकायों के साथ बैठक के बाद बहुप्रतीक्षित घोषणाएं कीं. जिसमें बिना किसी प्रतिबंध के उत्सव मनाए जाने की घोषणा भी शामिल है. हालांकि इसे सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए मनाया जाएगा.

मूर्ति की ऊंचाई की सीमा भी हटाई

दरअसल, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज हुई बैठक में ये निर्णय लिया है. सीएम शिंदे ने कहा कि कोविड -19 प्रतिबंध हटा दिए गए हैं, साथ ही भगवान गणेश की मूर्तियों की ऊंचाई की सीमा भी हटा दी गई है. सरकार ने संबंधित निकायों को सिंगल-विंडो प्रारूप में ऑनलाइन अनुमोदन प्रदान करने, पंजीकरण शुल्क माफ करने और गणेशोत्सव संगठनों से गारंटी पत्र देने का निर्देश दिया है.

पीओपी की मूर्ति के उपयोग से बचने निकालेंगे समाधान

सरकार पीओपी के पर्यावरणीय खतरों को देखते हुए प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) द्वारा बनाई गई मूर्तियों को बदलने के लिए एक समाधान विकसित करने में मदद करने के लिए विभिन्न संगठनों के विशेषज्ञों की एक समिति भी बनाएगी. सीएम ने कहा कि पिछले दो वर्षों से हम कोरोनावायरस के खतरे में थे और त्योहारों को उत्साह के साथ नहीं मना पा रहे थे. इस वर्ष, गणेशोत्सव और जन्माष्टमी पूरे उत्साह के साथ मनाई जाएंगी।

अदालत के नियमों का करना होगा पालन

शिंदे और फडणवीस ने ये भी कहा कि उत्सव मनाते समय, सभी नियमों का पालन किया जाना चाहिए। लेकिन नियम अनुचित’ नहीं होने चाहिए और सभी जिला समारोहों की निगरानी के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे. जन्माष्टमी के दूसरे दिन लोकप्रिय दही-हांडी समारोह के लिए सरकार ने कहा है कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों की भागीदारी को छोड़कर सभी संगठनों को अदालत के नियमों का पालन करना चाहिए.

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