जांजगीर-चांपा। युवती को बंधक बनाकर गैंगरेप करने और एमएमएस वायरल करने के मामले में जिला अपर सत्र न्यायालय, फास्ट ट्रैक कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. चार आरोपियों ललित केंवट, किशन तुरकाने, बिन्नू केंवट और रामकुमार केंवट को 20-20 साल की सजा सुनाई है. एक अन्य नाबालिग आरोपी का प्रकरण बाल न्यायालय में चल रहा है, जिसने मोबाइल से एमएमएस बनाया था। मामला 10 जुलाई 2015 का है। इस तरह दो साल बाद कोर्ट का बड़ा फैसला आया है।
                                      घटना के 15 दिन बाद एमएमएस के वायरल होने के बाद पीड़िता ने 25 जुलाई 2015 को शिवरीनारायण थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। इससे पहले आरोपियों ने युवती को धमकाया था और युवती के साथी युवक से पिटाई कर भगा दिया था। शिवरीनारायण थाना क्षेत्र के महानदी के तट पर स्थित धार्मिक तीर्थ स्थल देवरघटा गांव में 10 जुलाई 2015 की दोपहर पड़ोस के गांव की एक युवती अपने साथी युवक के साथ घूमने गई थी।
                                  इसी दौरान उन्हें सुनसान इलाके में अकेला पाकर देवरघटा गांव के ही 4 युवकों ने दोनों को घेर लिया। यहां इन चारों युवकों ने युवती और उसके साथी युवक के साथ जमकर मारपीट भी की थी। इसके बाद आरोपी चारों युवकों ने युवती के साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया। इस वक्त एक नाबालिग, मोबाईल से युवती से रेप करने का अश्लील विडियो बना रहा था। वारदात के बाद मामला उजागर करने पर वीडियो सार्वजनिक करने की धमकी भी पीड़िता को दी थी। घटना के बाद युवक और युवती ने किसी तरह से अपने आप को संभाला और घटना की जानकारी अपने परिजन को दी, मगर लोक-लाज के भय से परिजन ने मामला पुलिस तक नहीं पहुंचाया. लेकिन आरोपियों के द्वारा जब अपने कुकर्म का विडियो ( एमएमएस ) सार्वजनिक किया गया तो परिजन ने शिवरीनारायण थाने पहुंचकर घटना की जानकारी 25 जुलाई 2015 पुलिस को दे दी।
                             मामले की एफआईआर के बाद पुलिस ने आरोपियों की पतासाजी की और नाम सामने आने के बाद तीन आरोपी किशन तुरकाने, रामकुमार केंवट और नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया, वहीं फरार 2 आरोपी ललित केंवट और बिन्नू केंवट की तलाश सरगर्मी के साथ पुलिस कर रही थी। इसके कुछ दिनों बाद फरार दोनों आरोपी ललित केंवट और बिन्नू केंवट की भी गिरफ्तारी कर ली और जेल भेज दिया गया। इस तरह चार आरोपी जेल के सलाखों के पीछे थे तो नाबालिग आरोपी को बाल संप्रेक्षण गृह भेजा गया था। जब यह मामला सामने आया था, उसके बाद यह मामला काफी सुर्खियों में था। आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस पर भारी दबाव था। हालांकि, पुलिस ने पहले 3 आरोपियों को पकड़ा, उसके 2 आरोपियों को दबोच लिया।
                                 अब, इस चर्चित मामले में जिला अपर सत्र न्यायाधीश ( फास्ट ट्रैक कोर्ट ) संतोष कुमार आदित्य ने बड़ा फैसला सुनाया है और 4 आरोपियों को 20-20 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही, आरोपियों को 20-20 हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया है।
                   यह मामला उन बदमाशों के लिए नजीर है, जो ऐसी संगीन वारदात को अंजाम देते हैं और इसे अंजाम देने किसी भी हद तक चले जाते हैं। हालांकि, आरोपियों के द्वारा एमएमएस को वायरल नहीं किया जाता तो शायद ही यह मामला उजागर होता, क्योंकि पीड़िता, लोक-लाज के कारण पहले पुलिस तक नहीं पहुंची थी। दो साल बाद आए इस बड़े फैसले के बाद आपराधिक कृत्य को अंजाम देने वालों के एक बड़ा सबक साबित होगा।