यश खरे, कटनी। कटनी पुलिस ने शादी तय कर धोखाधड़ी और ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया गया है। गिरोह के सदस्य शादी के लिये दिखाई गई लड़कियों की फर्जी मां, फर्जी मामा और फर्जी भाई बनकर लड़के पक्ष से ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। गिरोह ने कई परिवारों को शादी का झांसा देकर लाखों की ठगी की वारदात को अंजाम भी दे चुके हैं। ये लोग शादी से एक दिन पहले लड़का पक्ष को किसी रिश्तेदार के मरने का मैसेज भेजते थे। साथ ही शादी अभी नहीं होने की बात कहते थे। इसके बाद फरार हो जाते थे। कटनी की कैमोर थाना पुलिस ने महिला सहित गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया है। कटनी एसपी सुनील जैन (Katni SP Sunil Jain) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा किया। 

एसपी सुनील जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि  जिले के कैमोर थाना क्षेत्र के ग्राम बडारी में रहने वाले जगदम्बा प्रसाद दीक्षित ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि इनके दो बेटे बसंत लाल दीक्षित और राजेश दीक्षित आविवाहित है। जिसके सम्बंध में करीब 2 माह पहले सतना निवासी अरुण कुमार तिवारी और मनसुख रैकवार उनके घर आकर मिले। उन्होने बताया कि सिंधी कैंप सतना में रहने वाली बबीता तिवारी की दो बच्चियां शादी के योग्य हैं। उनके पिता के ना होने से उनकी आर्थिक स्थिती खराब है।

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इसके बाद जगदम्बा प्रसाद दीक्षित को लड़की दिखवाने 23 अक्टूबर को सतना बुलवाया। जहां एक दो मंजिला मकान में रहने वाली बबीता तिवारी से मिलाया और दोनो लड़कियों को शादी के लिये दिखाया। जगदम्बा प्रसाद दीक्षित ने दोनों लड़कियों साधना तिवारी और शिवानी तिवारी को पसंद करते हुए उसी दिन ओली भरकर शगुन कर दिया।

जगदंबा प्रसाद दीक्षित के साथ गई उसकी नातिन शिवानी ने अपने मोबाइल से दोनों बच्चियों के साथ फोटो खिंचवाई। शादी की तारीख तय करने के लिये जगदम्बा प्रसाद ने लड़की पक्ष को बडारी बुलाया। इसके बाद लड़कियों की मां बबीता तिवारी उसके साथ केशव प्रसाद मामा और दीपक भाई बनकर पहुंचे। जहां नेग दस्तूर करते हुए दोनों पक्ष के लोंगो ने मिलकर शादी की तारीख 29 नवम्बर तय की।

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शादी से एक दिन पहले परिजन की मौत का बहाना बनाकर हो जाते थे फरार 

गिरोह ने योजना के तहत आर्थिक स्थिति कमजोर बताते हुए आयोजन के नाम पर जगदम्बा प्रसाद दीक्षित से अलग अलग तारीख में एक लाख दस हज़ार रुपये ले लिए। इसके बाद भी दीक्षित परिवार खुश था और शादी के कार्ड छपवाकर रिश्तेदारी और समाज में बांट दिए।साथ ही टेंट, मैरिज गार्डन, केटरिंग, घोडी, बैंड आदि की एडवांस बुकिंग में भी करीब एक लाख रुपए खर्च कर दिया। 29 नवम्बर को बारात निकलने के ठीक एक दिन  पहले बबिता तिवारी ने मोबाइल से सूचित किया कि जेठ की मौत हो जाने से शादी नहीं हो सकेगी। तब दीक्षित परिवार उनके दुख में शामिल होने के लिये सतना पहुंचा तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। पता चला कि वह मकान तो बबीता तिवारी का था ही नहीं, किराये से रहती थी। जिसकी कोई दो लड़कियां भी नहीं हैं और करीब एक महीने पहले मकान खाली करके जा चुकी है।

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कई परिवार हो चुके हैं ठगी के शिकार 

दुखी दीक्षित परिवार नें खोज शुरू की तो उन्हें वहां बबीता तिवारी और उसके गिरोह का शिकार एक अन्य ब्राम्हण परिवार भी वहां मिल गया। जिसमें राकेश पाठक निवासी अमरपुर उमरिया एवं रमाकांत उपाध्याय निवासी धनवाही जिला उमरिया ने बताया। इसी तारीख के लिये उनके साडू भाई रामकिशोर उपाध्याय निवासी धनवाही जिला उमरिया के बेटे विनोद उपाध्याय से बबीता तिवारी ने शिवानी तिवारी के साथ शादी तय करके एक लाख सोलह हजार रुपये लेकर फरार हो गई है। दोनों परिवारों ने फोटो में देखा तो बबीता तिवारी ने अपने गिरोह के साथियों के साथ मिलकर वही लड़की को दिखाकर दोनों परिवारों के साथ धोखाधड़ी कर ठगी की थी। शादी के नाम पर धोखाधड़ी और ठगी के शिकार जगदम्बा प्रसाद दीक्षित ने पुलिस की शरण ली। कटनी पुलिस ने पीडित की रिपोर्ट पर अपराध पंजीबद्ध कर फरार आरोपियों की तलाश पतासाजी शरू की। मामले की गंभीरता से तफ्सील करते हुए पूरे गिरोह का पर्दाफाश किया गया। पुलिस ने बबीता तिवारी, केशव प्रसाद साकेत, अरुण कुमार तिवारी और मनसुख रैकवार को गिरफ्तार किया है। पुलिस धोखाधड़ी और ठगी के बारे में भी पूछताछ कर रही है।

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