Ganga Saptami 2024 : संत रविदास जी ने कहा है…“मन चंगा तो कठोती में गंगा”, इसी पवित्र भाव के साथ आप भी कभी गंगा स्नान करने नहीं जा पा रहे हैं तो घर पर ही गंगाजल को घर में नहाने वाले पानी में मिला दें, इसमें तिल भी डाल सकते हैं. इसके बाद इससे स्नान कर लें. कहा जाता है कि इस तरह स्नान करने से गंगा स्नान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.
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आज गंगा सप्तमी पर गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाई जाती है, इसके प्रताप से व्यक्ति दीर्धायु, मोक्ष और सुख प्राप्त होता है. गंगा सप्तमी पर जो लोग गंगा नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं वह घर में ही गंगाजल से कुछ विशेष उपाय कर इसका पुण्य प्राप्त कर सकते हैं.
गंगा स्नान का मंत्र (Ganga Saptami 2024)
- ‘ॐ नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा’
गंगाजल का ऐसे करें उपयोग
गंगाजल, गीता और गौ को भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व दिया गया है. ये तीनों बेहद पवित्र हैं, इनके घर में होने से दुख, संकट कोसों दूर रहता है. गंगा सप्तमी के दिन घर के हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करें. इससे नेगेटिव एनर्जी दूर होती है. क्लेश मिटते हैं. परिवार में सुख-शांति स्थापित होती है.
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शुभ योग (Ganga Saptami 2024)
गंगा सप्तमी का पावन पर्व मंगलवार 14 मई को है. उस दिन वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि, पुष्य नक्षत्र, गण्ड योग, गर करण, उत्तर का दिशाशूल और दिन मंगलवार है. रवि योग, पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग का सुंदर संयोग बना है.
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