चंडीगढ़। पंजाब के गैंग्स इन दिनों देश-विदेश में सुर्खियां बने हुए हैं. ऐसा लगता है कि मुम्बई में एक समय जिस तरह अंडरवर्ल्ड का बोलबाला था, उसी तरह पंजाब के गैंग्स भी सक्रिय हो गये हैं और लगातार आपराधिक गतिविधियों को बढ़ा रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पंजाब के सिंगिग सुपरस्टार कहे जाने वाले शुभदीप सिंह उर्फ सिद्ध़ू मूसेवाला की हत्या में आतंकवादियों का भी हाथ था. गत 29 मई को मानसा जिले के जवाहरके गांव में सिद्धू मूसेवाला की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कनाडा स्थित गैंगस्टर गोल्डी बराड़ ने इसकी जिम्मेदारी ली थी, जो गोल्डी लॉरेंस बिश्नोई गैंग का है.

लॉरेंस बिश्नोई

ट्रू स्कूप की रिपोर्ट के अनुसार, लॉरेंस बिश्नोई ने बब्बर खालसा के खालिस्तानी आतंकवादी हरिंदर सिंह रिंडा के साथ मिलकर हत्या को अंजाम दिया था. इसका मतलब है कि आतंकवादियों और गैंगस्टर ने मिलकर सिद्धू मूसेवाला को मौत के घाट उतारा. सूत्रों के मुताबिक बब्बर खालसा के आतंकवादी ही गैंगस्टर्स को हथियारों की आपूर्ति कर रहे हैं. बब्बर खालसा लंबे समय से पंजाब में भय का माहौल बनाने की कोशिश में जुटा है. हाल में राज्य में गातंकवादी गतिविधियों में तेजी आई है और हथियारों की तस्करी भी बढ़ी गई. इन आतंकवादियों, गैंगस्टर्स और तस्करों को मकसद सिर्फ डर का माहौल बनाना है.

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हरविंदर सिंह रिंडा बब्बर खालसा का महत्वपूर्ण सदस्य

मूसेवाला की हत्या में जिस हरविंदर सिंह रिंडा का नाम सामने आ रहा है, वह बब्बर खालसा का महत्वपूर्ण व्यक्ति माना जाता है. उसका नाम हाल में मोहाली में खुफिया विभाग के मुख्यालय पर किये गये हमले में भी आया था. रिंडा पहले एक गैंगस्टर ही था, जिसने बाद में आतंकवाद का भी चोला पहन लिया. गैंगस्टर्स और आतंकवादियों के बीच की सांठगांठ का सबसे पहले पता नवंबर 2016 में चला, जब नाभा जेल से आतंकवादी फरार हुए. गैंगस्टर्स के पास अब अत्याधुनिक हथियार हैं. उन्हें ये हथियार आतंकवादियों से मिलते हैं. मूसेवाला की हत्या में भी अत्याधुनिक रूसी हथियार एएन-94 का इस्तेमाल किया गया था.

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पंजाब में पहुंच रही है हथियारों की बड़ी खेप

केंद्रीय जांच एजेंसियों के मुताबिक, पंजाब में हथियारों की खेप इतनी बड़ी मात्रा में पहुंच रही है कि पुलिस उसे नियंत्रित नहीं कर सकती है. अब आतंकवादी और गैंगस्टर्स एएन-94, असॉल्ट राइफल, सी-30 पिस्टल, बेरेटा पिस्टल, ग्लॉक-17 और रॉकेट प्रोप्रेल्ड ग्रेनेड का इस्तेमाल कर रहे हैं. पंजाब पुलिस के पास भी अत्याधुनिक हथियार हैं, लेकिन उसे सभी पुलिस अधिकारियों को मुहैया नहीं कराया जा सकता है. पुलिस के पास एके-47, 303, एएलआर, एलएमजी और अमेरिकी रोजर 38 बोर है. पुलिस के पास कुल 1.25 लाख हथियार हैं. बीते कुछ महीनों से पंजाब में गैंगवॉर बढ़ गई है. इंटरनेशनल कबड्डी खिलाड़ी संदीप नांगल अंबिया पंजाबी की हत्या के बाद गायक मनकीरत औलख को भी जान से मारने की धमकियां मिलने लगी हैं.

पंजाब में इन दिनों निम्नलिखित गैंग सक्रिय हैं:

1. जग्गू भगवानपुरिया गैंग

जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया पंजाब का जाना-पहचाना नाम है. वह कई खिलाड़ियों और कबड्डी प्रेमियों के लिए एक ‘यूथ आइकन’ है. उसे पंजाब में ‘सुपारी किंग’ के नाम से भी जाना जाता है. जग्गू ज्यादातर पंजाब के माझा इलाके में सक्रिय है. ट्रू स्कूप ने बताया कि जग्गू और उसका गिरोह दिवाली की रात ध्यानपुर गांव में एक सरपंच के बेटे की हत्या के मुख्य आरोपी थे.

2. लॉरेंस बिश्नोई गैंग

यह पंजाब का जाना-माना अपराधी और पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्र संगठन नेता है. यह कई बार जेल जा चुका है और इसके खिलाफ राजस्थान, पंजाब और हरियाणा में हत्या के प्रयास, वसूली, झपटमारी, कार चोरी और आर्म्स एक्ट के तहत 25 से अधिक मामले दर्ज हैं.

3. जयपाल भुल्लर गैंग

पंजाब के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर जयपाल भुल्लर और उसके करीबी जस्सी खरार को जून 2021 में कोलकाता के शाहपुरजी एन्क्लेव में एक मुठभेड़ के दौरान पंजाब पुलिस, पश्चिम बंगाल पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के संयुक्त अभियान में मार गिराया गया था. उसका नाम फिर से सुर्खियों में है, क्योंकि जयपाल भुल्लर के एक करीबी को मोहाली पुलिस ने इसी साल अप्रैल में खरड़ से गिरफ्तार किया था.

4. बंबिहा गैंग

दविंदर बंबिहा पंजाब के सबसे खतरनाक गैंगस्टरों में से एक था. दविंदर बंबिहा का 2016 में पंजाब पुलिस ने इनकाउंटर किया था. उसका गिरोह अभी भी पंजाब में सक्रिय है. हाल ही में, दविंदर बंबिहा गैंग ने अपने फेसबुक पोस्ट में पंजाबी गायक मनकीरत औलख को धमकी देने की जिम्मेदारी ली थी. पंजाब के गैंग पंजाबी गायकों और कबड्डी खिलाड़ियों को निशाना बनाने के लिए जाने जाते हैं.

पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री देश की नंबर वन म्यूजिक इंडस्ट्री बन गई है. गायकों को नाम और शोहरत आसानी से मिल जाता है. ऐसे में वे बहुत आसानी से गैंगस्टर्स के निशाने पर आ जाते हैं. मनकीरत औलख और परमीश वर्मा जैसे गायकों को जान से मारने की धमकी मिली हैं. पंजाब की म्यूजिक इंडस्ट्री अपने गीतों के माध्यम से बंदूकों और हिंसा को बढ़ावा देती है और फिर गैंगस्टर पंजाबी गायकों को ही अपना निशाना बना लेते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि युवाओं के बीच एक छवि बनाने के लिए वे कबड्डी खिलाड़ियों और गायकों को निशाना बनाते हैं.