Gold Price Record High: क्या अब सोने की कीमतें इतिहास में पहली बार ऐसी ऊंचाई छूने जा रही हैं, जहां से गिरावट नामुमकिन होगी? क्या चांदी की किल्लत अगली वैश्विक मंदी की दस्तक है? दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं इस वक्त सोने के पीछे भाग रही हैं, लेकिन सवाल यह है: क्यों?
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Gold Price Record High
सोने की कीमतें नए शिखर पर, अब तक का सबसे बड़ा उछाल
भारत में 24 कैरेट सोने का दाम ₹1,29,450 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया है, जबकि 22 कैरेट ₹1,18,650 के करीब और 18 कैरेट ₹97,090 पर ट्रेड हो रहा है. ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं, लेकिन यहीं कहानी खत्म नहीं होती.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें $4,234 प्रति औंस पर पहुंच चुकी हैं, जो अब तक का ऑल टाइम हाई है. इसकी सबसे बड़ी वजह अमेरिका और चीन के बीच बढ़ता व्यापारिक तनाव, ब्याज दरों में कटौती की संभावना और निवेशकों का अस्थिर बाजार से बचने का प्रयास है.
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर: सोने की आग में घी (Gold Price Record High)
ट्रेड वॉर एक बार फिर तेज हो गया है. अमेरिका ने चीन से खाद्य तेल आयात पर प्रतिबंध लगाया और जवाब में चीन ने रेयर अर्थ एलिमेंट्स के निर्यात पर रोक की घोषणा कर दी. इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा 100% टैरिफ लगाने की धमकी ने ग्लोबल मार्केट को हिला कर रख दिया.
इस अस्थिरता में निवेशकों का रुझान फिर से सुरक्षित निवेश यानी सोने और चांदी की ओर मुड़ गया है. बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यदि यही हालात रहे, तो आने वाले महीनों में सोना ₹1.5 लाख प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को भी पार कर सकता है.
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केंद्रीय बैंक क्यों कर रहे हैं भारी सोने की खरीदारी? (Gold Price Record High)
सोने की कीमत में लगातार हो रही तेजी का एक बड़ा कारण है, दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की आक्रामक खरीदारी. अगस्त 2024 तक वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़े बताते हैं कि केवल एक महीने में 15 टन से ज्यादा सोना खरीदा गया.
इनमें कज़ाखस्तान, पोलैंड, अल सल्वाडोर, अज़रबैजान और बुल्गारिया जैसे देश सबसे आगे हैं. वहीं भारत, चीन, अमेरिका और कतर भी अपने गोल्ड रिजर्व को लगातार मजबूत कर रहे हैं.
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किस देश के पास कितना गोल्ड रिजर्व? (Gold Price Record High)
दिसंबर 2024 तक के आंकड़े:
देश | गोल्ड रिजर्व (टन में) |
---|---|
अमेरिका | 8133 टन |
जर्मनी | 3351 टन |
इटली | 2451 टन |
फ्रांस | 2436 टन |
रूस | 2332 टन |
चीन | 2113 टन |
भारत | 876 टन |
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चांदी की भी हालत नाजुक, सप्लाई चेन में अफरा-तफरी
लंदन और न्यूयॉर्क के बाजारों में चांदी की सप्लाई बुरी तरह प्रभावित हुई है. चांदी की कीमत $53 प्रति औंस के पार चली गई है, जो कई वर्षों का रिकॉर्ड स्तर है. विश्लेषकों का मानना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स, सोलर पैनल और इंडस्ट्रियल डिमांड के चलते चांदी की मांग में जबरदस्त उछाल आया है.
क्या अब सोने की कीमतें कभी नीचे नहीं आएंगी? (Gold Price Record High)
कई आर्थिक जानकारों का मानना है कि यह सिर्फ एक बुल रन नहीं है, बल्कि एक नया आर्थिक युग शुरू हो चुका है, जहां सोना न सिर्फ निवेश का माध्यम है, बल्कि मुद्रा की विश्वसनीयता का प्रतीक बनता जा रहा है.
ETF (Exchange Traded Funds) में रिकॉर्ड निवेश, केंद्रीय बैंकों की भारी खरीदारी और वैश्विक राजनीतिक अनिश्चितता को देखते हुए यह संभावना जताई जा रही है कि सोने की कीमतें अभी थमने वाली नहीं हैं.
अब सवाल यह नहीं है कि सोना महंगा क्यों हो रहा है, असली सवाल यह है कि क्या हम एक नई “गोल्ड स्टैंडर्ड” अर्थव्यवस्था की तरफ बढ़ रहे हैं, जहां हर आर्थिक संकट का जवाब “गोल्ड रिजर्व” होगा?
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