सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में अस्पतालों में बिस्तर की कमी बाधा नहीं है. राजधानी रायपुर के अस्पतालों में कोरोना संक्रमितों के लिए पर्याप्त संख्या में सामान्य से लेकर आईसीयू और वेंटिलेेटर वाले बेड उपलब्ध है. राजधानी के निजी अस्पतालों में खाली बिस्तरों की रियल टाइम जानकारी कोविड जनसहायता (covidjansahayata.com) से प्राप्त की जा सकती है.

इसके अनुसार, निजी अस्पतालों में 1004 खाली बिस्तरों में से 766 बिस्तर खाली हैं, इसी तरह से 2175 ऑक्सीजन बिस्तर में से 1132, 580 एचडीयू बिस्तरों में से 279, 994 आईसीयू बिस्तरों में से 354 और 346 वेंटिलेटर बिस्तरों में से 120 बिस्तर खाली हैं. बता दें कि यह स्थिति पल-पल बदलती रहती है. ताजातरीन जानकारी के लिए वेबसाइट पर चेक किया जा सकता है.

राजधानी के निजी अस्पतालों में सबसे ज्यादा 150 ऑक्सीजन बिस्तर वीवाय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में मौजूद हैं, इसी तरह रामाकृष्णा केयर अस्पताल में सबसे ज्यादा 33 एचडीयू बिस्तर हैं. वहीं श्री बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में 43 आईसीयू बिस्तर उपलब्ध हैं. इसके अलावा ओम अस्पताल में 34 वेंटिलेटर बेड उपलब्ध है. अन्य निजी अस्पतालों में भी अलग-अलग संख्या में सामान्य बिस्तर से लेकर आईसीयू, वेंटिलेटर और एचडीयू बिस्तर खाली हैं.

20 वालेंटियर्स ने सभी अस्पतालों का किया विजिट

डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि 48 घंटे के समय में पूरे रायपुर शहर को चार जोन में बांटकर 20 से अधिक वालंटियर ने सभी अस्पतालों में विजिट किया, और वेबसाइट में सभी भर्ती मरीजों की एंट्री कराने में सफलता प्राप्त की. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के निर्देशन के अनुसार अब यह वेबसाइट सभी जिलों में कोविड- मरीजों के लिए बिस्तरों की उपलब्धता की जानकारी त्वरित रूप से उपलब्ध कराने की तैयारी है.

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डॉ. शुक्ला की महती भूमिका

बता दें कि कोविड जनसहायता (covidjansahayata.com) का निर्माण एक दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी संभालने वाले डॉ. आलोक शुक्ला ने किया है. शिक्षा व माध्यमिक शिक्षा मंडल के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे डॉ. शुक्ला को एक मई से स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है. विभाग में अतिरिक्त मुख्य सचिव रेणु जी पिल्लै के अवकाश पर जाने के बाद राज्य सरकार ने यह तब्दीली की है.

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