नईदिल्ली. कर्मचारियों की समाजिक सुरक्षा का दायरा बढ़ाने के मकसद से सरकार आने वाले दिनों में एक बड़ा फैसला लेने जा रही है. श्रम मंत्रालय ने आवश्यक कवरेज के तहत वेतन सीमा में 6 हजार की बढ़त का प्रस्ताव तैयार किया है. नए प्रस्ताव के तहत ईपीएफओ के तहत आवश्यक कवरेज के लिए वेतन की सीमा 15 हजार से बढ़कर 21 हजार कर दिया जाएगा.
ऐसा करने से ईपीएफओ सदस्यों की संख्या भी बढ़ेगी, साथ ही सदस्यों की तरफ से आने वाला कंट्रीब्यूशन भी बढ़ेगा. सरकार का ये प्रस्ताव फिलहाल वित्त मंत्रालय के पास दोबारा भेजा गया है. पहले का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय ने कुछ संशोधनों के लिए श्रम मंत्रालय के पास भेज दिया था. अब श्रम मंत्रालय ने एक नया प्रस्ताव तैयार किया है और वित्त मंत्रालय को भेज दिया है. सरकार इस प्रस्ताव पर फिलहाल आगे नहीं बढ़ पा रही है, क्योंकि इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर से पहले सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की मंजूरी भी चाहिए होती है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज में सरकारी सदस्यों की संख्या तो नियत रहती है और लेकिन गैर सरकारी सदस्यों का कार्यकाल 5 साल का ही होता है.

इसके अलावा वेतन ढांचे में सरकार एलटीए और एचआरए जैसे भत्तों की अधिकतम सीमा तय कर सकती है. सरकार ‘कॉस्ट टू कंपनी (सीटीसी)’ में मूल वेतन का हिस्सा बढ़ाने के पक्ष में है, जिससे कर्मचारी के पीएफ, ग्रेच्युटी में ज्यादा रकम जा सके. जानकारों का तर्क है कि पीएफ में ज्यादा रकम जमा होने से कर्मचारी भविष्य में ज्यादा पेंशन का हकदार होगा जिससे वह आर्थिक तौर पर ज्यादा सुरक्षित रहेगा. नए प्रस्ताव के मुताबिक भत्तों की कुल रकम मूल वेतन के 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगी। अगर 50 फीसदी से ज्यादा भत्ते होते हैं तो उसे मूल वेतन में जोड़ा जाएगा. इस तरह से मूल वेतन में बड़ा इजाफा किया जा सकता है.