रायपुर। कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी नहीं दिए जाने की खबरों के बीच राजभवन ने यह स्पष्ट किया है कोई फाइल अटकी नहीं है, बल्कि यह प्रक्रियाधीन है, जिस पर विधि विशेषज्ञों की राय ली जा रही है.
राजभवन की ओर से उन तमाम आरोपों को खारिज किया गया है, जिसमें विधानसभा में पारित कृषि उपज मंडी संशोधन विधेयक 2020 अटकाया गया है. साथ ही जानकारी दी गई है कि राज्य शासन की ओर से फाइल मिलने में हुई देरी हुई, वहीं दूसरी ओर इस दौरान राज्यपाल अनुसुईया उइके अवकाश पर थीं, जिसकी वजह से प्रक्रिया में समय लग रहा है.
बताया गया कि 28 अक्टूबर को विधानसभा में पारित विधेयक को राज्यपाल की मंजूरी के लिए 9 नवंबर की शाम को राजभवन भेजा गया. इसके पहले ही राज्यपाल का 12 नवंबर को पहले से छिंदवाड़ा जाने का कार्यक्रम तय था. 16 नवंबर को वह वापस रायपुर लौटीं. इस तरह से विधेयक को अटकाए जाने की जाने की बात सरासर गलत है.
वहीं संसद द्वारा पारित कृषि कानून को प्रदेश में अमल में लाने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने मंडी एक्ट में संशोधन किया है. राज्य सरकार की यह कार्रवाई कानून सम्मत है कि नहीं इस पर राजभवन की ओर से कानूनी राय ली जा रही है. हालांकि, राज्य के मंत्रियों द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि केंद्र द्वारा पारित कानून का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है, लेकिन क्या वैधानिक रूप से भी यह बात सही है कि नहीं इस संबंध में विधि विशेषज्ञों से राय-मशविरा किया जा रहा है.