सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। उच्च शिक्षा नीति को जमीन में उतारने में साल भर लग सकता है. वर्तमान समय के दखते हुए शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन की जरूरत है. यह बात नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए हुई हाई लेवल वर्किंग कमेटी की पहली बैठक में अध्यक्ष रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति केएल वर्मा ने कही.

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने के लिए हाई लेवल वर्किंग कमेटी की पहली बैठक हुई, जिसमें नीति को लेकर सभी सदस्यों के साथ रायशुमारी की गई. नीति को लेकर प्रस्ताव तैयार करने के लिए सदस्यों से नियम-कानून को लेकर रायशुमारी की गई. इसमें छात्रहित के अलावा डिग्री, भाषा, छात्र करियर जैसे विषयों पर मंथन हुआ. कमेटी अपना ड्राफ्ट तैयार कर शासन को सौंपेगी.

हाई लेवल वर्किंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ. वर्मा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में कैसे लागू कैसे किया जाए, इसके लिए कमेटी की बैठक हुई बैठक में रायसुमारी हुई है. आगे भी बैठक होगी रायशुमारी के दौर के बाद नीति के लिए ड्राप्ट तैयार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि वर्तमान व्यवस्था में वर्तमान समय के अनुरूप, अकादमिक बदलाव, ढाचागत बदलाव, पाठ्यक्रम में बदलाव, के साथ कॉलेजों की संख्या में विस्तार जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई है, राय मांगी कई है.

गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रदेश में लागू करने के लिए हाई लेवल वर्किंग कमेटी का गठन किया है. कमेटी का अध्यक्ष पीटीआरएसयू के कुलपति के एल वर्मा को बनाया गया है, कमेटी मंथऩ कर प्रस्ताव बनाकर शासन को सौपेगी, जिस रणनीति पर शासन की मुहर लगेगी वो 2040 तक लागू रहेगा.