रायपुर। जिन शिक्षाकर्मियों की भर्ती आपके बच्चों को पढ़ाने के लिए की गई थी. आप जानते हैं उनसे क्या-क्या काम कराए जा रहे हैं? कभी उनकी ड्यूटी पल्स पोलियो में लगा दी जाती है, कभी वे मतदाता सूची बनाने एक-एक घर जाते हैं, कभी उन्हें जनगणना के कार्यों में लगा दिया जाता है. इसके अलावा और भी ऐसे कई शासकीय कार्य हैं जिनमें उनकी ड्यूटी लगाई जाती है. यहां तक की स्वच्छता अभियान में खुले में शौच रोकने के लिए इनकी ड्यूटी लगाई गई और अब तो जैसे सरकार ने हद ही कर दी.

शिक्षाकर्मियों की ड्यूटी अब प्रतिदिन क्लास के साथ ही मूत्रालय में भी लगेगी. उन्हें स्कूल में उपयोग में लाए जाने वाले मूत्रालयों में भी रहना होगा. यहां तक कि उन्हें मूत्रत्याग करते हुए बच्चों की फोटो भी खींचनी होगी. यही नहीं उन्हें उन फोटुओं को सोशल मीडिया के एक ग्रुप में भी भेजना होगा. सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन भी तय कर दी है उन्हें किस तरह की फोटो खींचना है और भेजना है. उन फोटुओं को whats App में बनाए ग्रुप “मिशन @355” में पोस्ट भी करना है. दरअसल धमतरी जिला पंचायत सीईओ ने एक बेहद ही विवादास्पद आदेश जारी किया है जिसमें उन्हें यह आदेश जारी किया है.

क्या है आदेश में

स्वच्छ भारत कार्यक्रम(मिशन 355) के तहत जिले के सभी ग्राम पंचायतों के 355 विद्यालयों में कम लागत से निर्मित मूत्रालय का निर्माण कराया गया है. उक्त मूत्रालय के नियमित उपयोग, रखरखाव, व्यवहार परिवर्तन, भौतिक निरीक्षण की जानकारी whats App में बनाए ग्रुप “मिशन @355” कम लागत मूत्रालय का निरीक्षण करते हुए फोटो प्रतिदिन इस ग्रुप में भेजा जाय एवं संबंधित प्रपत्र के माध्यम से प्रति सप्ताह शुक्रवार को सायं 4ः00 बजे तक जानकारी भेजना सुनिश्चित करें.

शिक्षाकर्मियों में इस आदेश को लेकर रोष है. शिक्षाकर्मियों के अनुसार सबसे बड़ी व्यावहारिक दिक्कत उन जगहों में होगी जहां बालिकाओं के स्कूल में पुरुष शिक्षक होंगे और जिन बालक स्कूल होंगे उनमें महिला शिक्षिकाओं को. इसके साथ ही कई शिक्षाकर्मियों का यह भी कहना है कि यह निजता के अधिकार का खुलेआम उल्लंघन है.

शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा के प्रदेश संचालक संजय शर्मा ने आदेश को अव्यवहारिक एवं अशोभनीय बताया  है. उक्त आदेश के तहत इस प्रकार के कार्य कराए जा रहे है, जो बेहद अमर्यादित और विद्यार्थियों के निजता के अधिकार  का खुला उलंघन है. उन्होंने कहा कि एक ओर जब शिक्षक जब अपनी जायज मांगों को लेकर हड़ताल करते हैं तो शासन द्वारा बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ का आरोप लगाया जाता है. जब इस प्रकार अध्यापन के अलावा ड्यूटी लगाया जाता है तो क्या बच्चों का भविष्य बर्बाद नहीं होता? क्या शिक्षा गुणवत्ता प्रभावित नही होगी? उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षकों के साथ साथ कक्षा नायकों को भी निरीक्षण करवाया जा रहा है जिससे होनहार कक्षा नायकों का अध्ययन भी प्रभावित हो रहा है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस प्रकार के निजता के हनन करने वाले अशोभनीय कार्य पर तत्काल रोक लगाया जावे. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो इसका विरोध किया जाएगा.