चंडीगढ़। पंजाब के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में स्टूडेंट्स की अधिक संख्या को देखते हुए इसे दो शिफ्टों में चलाने का फैसला किया है. इसे लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं. प्रमुख सचिव (शिक्षा) द्वारा विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि हर साल दो शिफ्ट्स में भीड़भाड़ वाले स्कूलों को चलाने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन प्राप्त होते हैं. इन आवेदनों पर चर्चा के बाद यह फैसला लिया गया है कि स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या ज्यादा हो रही है, लेकिन इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है, इसलिए सभी सरकारी स्कूलों को डबल शिफ्ट में चलाया जाए.
कोरोना के बाद स्कूलों में बढ़ी बच्चों की संख्या
कोरोना के दौरान दो साल तक जैसे-तैसे ऑनलाइन क्लास चली. इसकी वजह से कई बच्चों की पढ़ाई भी बीच में छूट गई, लेकिन अब कोरोना के बाद जब सबकुछ सामान्य तरीके से चलने लगा है और स्कूल भी खोल दिए गए हैं, तो बच्चे फिर से स्कूल में दाखिला ले रहे हैं. पंजाब के कई जिलों में छात्रों की संख्या स्कूलों में ज्यादा हो गई है, जिसकी वजह से कक्षाओं में स्टूडेंट्स के बैठने में दिक्कत आ रही थी. इस पूरे बदलाव पर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षक संघों ने कहा है कि सरकार को इस तरह का बदलाव करने के बजाय बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर काम करना चाहिए.
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इस तरह से होगी स्कूलों में व्यवस्था
गौरतलब है कि जहां पर प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूल एक ही जगह पर चल रहे हैं, वहां पर डबल शिफ्ट चलाने के लिए दोनों स्कूलों के प्रिंसिपलों की सहमति जरूरी होगी. जहां तक स्कूल के प्रबंधन का सवाल है, तो गर्मी में सुबह 7 बजे से दोपहर 1 बजे तक और सर्दियों में 7.30 से 1 बजे तक प्रधानाध्यापक रहेंगे. उसके बाद स्कूल के प्रमुख के रूप में कार्य करने के लिए वरिष्ठतम शिक्षक की जिम्मेदारी होगी.
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