रायपुर। सरकार ने विधानसभा सत्र बुलाने के संबंध में फाइल एक बार फिर राज्यपाल को टीप लिखकर वापस राजभवन को भेज दिया है. इसमें राज्य सरकार ने लिखा है कि चूंकि केंद्र सरकार द्वारा बनाये गए तीनों कानून से छत्तीसगढ़ के किसानों के हित प्रभावित हो रहे है, इसलिए राज्य के किसानों के हितों के लिए कानून बनाने विशेष सत्र आहूत किया जा रहा है. राज्य सरकार के दायरे में आने वाले कृषि सम्बन्धी कानून बनाने सत्र बुलाया जा रहा है.

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सरकार ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का सत्र 27 एवं 28 अक्टूबर को आहूत किये जाने का प्रस्ताव है. हाल ही में संसद द्वारा कृषि क्षेत्र में 3 नये कानून बनाये गए हैं. इन कृषि कानूनों से छत्तीसगढ़ के किसानों के हित भी प्रभावित होंगे, जिसे देखते हुए यह आवश्यक है कि धान खरीदी से पूर्व राज्य के कृषकों के हितों को सुरक्षित रखने एवं उनके आशंकाओं को दूर करने के लिए राज्य विधानसभा के माध्यम से नया कानून बनाया जाए, राज्य के कृषकों के हितों का संर्वधन एवं संरक्षण राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसे देखते हुए ही छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी अधिनियम 1972 (कमांक 24 सन 1973) में आवश्यक संशोधन किया जाना है.

छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान की खरीदी होने जा रही है. शीतकालीन सत्र दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में ही आहूत होगा. इसलिए वर्तमान प्रस्तावित विशेष सत्र 1 दिसम्बर के पहले ही आहूत किया जाए. इस सत्र को बुलाने का प्रस्ताव राज्य सरकार के संवैधानिक अधिकारों के तहत ही किया गया है. राज्य के कृषकों के हितों की सुरक्षा की आवश्यकता को देखते हुए अनुरोध है कि विधानसभा सत्र आहूत करने की शीघ्र अनुमति प्रदान करें.

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