चंडीगढ़। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी को तगड़ा झटका राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिला है. दरअसल मुख्यमंत्री बनने के बाद भगवंत मान ने राज्य में वन MLA वन पेंशन का ऐलान किया था. इसके लिए ऑर्डिनेंस पास कर उन्होंने राज्यपाल को भेजा था, लेकिन गवर्नर बीएल पुरोहित ने इसे वापस लौटा दिया है. बता दें कि सीएम भगवंत मान ने कहा था कि चाहे कोई कितनी बार भी विधायक बने, लेकिन पेंशन एक बार का ही मिलेगा. उन्होंने कहा था कि पंजाब में अब एक विधायक को एक ही बार पेंशन मिलेगी, चाहे वह कितनी ही बार चुनाव जीता हो. CM भगवंत मान ने कहा था कि जब विधायक सेवा के नाम पर राजनीति में आते हैं, तो फिर लाखों की पेंशन देना जायज नहीं है. इससे सालाना 19.53 करोड़ की बचत का दावा किया गया था.
गवर्नर ने लौटाया ऑर्डिनेंस
अब गवर्नर बीएल पुरोहित ने भगवंत मान सरकार का ‘वन MLA-वन पेंशन’ का ऑर्डिनेंस लौटा दिया है. पंजाब की आप सरकार को इस संबंध में पंजाब विधानसभा में बिल पास करवाकर भेजने को कहा गया है. गवर्नर ऑफिस से भेजे गए नोट में कहा गया है कि जून में पंजाब विधानसभा का सेशन होना है, इसलिए सरकार को इसके लिए ऑर्डिनेंस लाने की जरूरत नहीं है. CM भगवंत मान की घोषणा के बावजूद यह फैसला लागू नहीं हुआ था. इसे देखते हुए मान सरकार कैबिनेट में इस प्रस्ताव को लेकर आई थी. जिसमें पंजाब स्टेट लेजिस्लेटर मेंबर्स (पेंशन एंड मेडिकल फेसिलिटीज) एक्ट 1977 में संशोधन किया गया था. इसी ऑर्डिनेंस को पास कर गवर्नर को भेजा गया था.
प्रकाश सिंह बादल ने खुद ही थोड़ दी थी पेंशन
आप सरकार के इस फैसले से सबसे बड़ा झटका कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल को लगा था, क्योंकि पंजाब के 5 बार सीएम रहे प्रकाश सिंह बादल, पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के अलावा राजिंदर कौर भट्ठल समेत अकाली दल और कांग्रेसी दिग्गजों को लगा है, जिन्हें कई बार विधायक रहने की वजह से लाखों रुपए की पेंशन मिल रही थी. प्रकाश सिंह बादल को करीब पौने 6 लाख की पेंशन मिलनी थी. हालांकि, उन्होंने सीएम भगवंत मान के ऐलान से पहले ही पेंशन लेने से इनकार कर दिया था. उनके अलावा 6 बार विधायक रहीं पूर्व CM राजिंदर कौर भट्ठल, लाल सिंह, पूर्व मंत्री सरवण सिंह फिल्लौर को 3.25 लाख, 5 बार विधायक रहे बलविंदर सिंह भूंदड़ और सुखदेव ढींढसा को सवा 2 लाख रुपए पेंशन मिलती है. इनको बतौर राज्यसभा सदस्य अलग से वेतन, पेंशन भत्ते भी मिलते हैं. इस बार कैप्टन अमरिंदर सिंह भी चुनाव हारे हैं, तो उन्हें भी लाखों की पेंशन मिलनी थी.
कई नेता विधायक और सांसद दोनों की ले रहे हैं पेंशन
CM भगवंत मान ने कहा था कि हैरानी की बात यह है कि बहुत से MLA को हारने के बाद साढ़े 3 लाख से सवा 5 लाख तक पेंशन मिलती है. खजाने पर करोड़ों रुपयों का बोझ पड़ता है. कई ऐसे हैं, जो सांसद और MLA दोनों की पेंशन ले रहे हैं. अब MLA चाहे 2 बार जीतें या 7 बार, उसे पेंशन सिर्फ एक ही टर्म की मिलेगी. इसके साथ ही पेंशन से जो करोड़ों रुपया बचेगा, उसे लोगों की भलाई पर खर्च किया जाएगा. कई विधायकों की फैमिली पेंशन भी बहुत ज्यादा है, उसे भी कम किया जा रहा है.
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