कानपुर. कॉलेजों में रैगिंग थमने का नाम नहीं ले रहा है. GSVM मेडिकल कॉलेज में जांच कमेटी ने रैगिंग मामले की जांच शुरू कर दी है. एमबीबीएस सेकेंड ईयर के कुछ छात्रों से जांच कमेटी ने बयान लेकर शिकायत की सच्चाई जानी है. इसी वर्ष के मेडिकल स्टूडेंट्स की परीक्षा कक्ष में कमेटी ने छानबीन की.

वहीं जांच में सामने आया कि इस तरह की शिकायत पिछले वर्ष भी की गई थी. कॉलेज में रैगिंग को लेकर आए शिकायती पत्र में जाति के नाम पर भेदभाव करने का आरोप भी लगाया गया है. लेटर में लिखा गया है कि जाति के नाम पर भी सीनियर छात्र उसे परेशान करते हैं. कमेटी की शुरुआती जांच में सामने आया है कि MBBS सेकेंड ईयर के किसी छात्र ने रैगिंग की शिकायत नहीं की है. छात्र-छात्राओं को खुला ऑफर दिया गया है कि वह रैगिंग पर अपनी गोपनीय बात लेटर बॉक्स में दे सकते है. जिसकी गोपनीयता बरकरार रखी जाएगी.

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एंटी रैगिंग सेल को मिली 12 दिसंबर की शिकायत में प्राचार्य प्रो. संजय काला की अध्यक्षता में जांच कमेटी बना दी गई है. कमेटी ने पड़ताल में पाया कि पिछले साल 30 नवंबर 2021 को की गई शिकायत और इस बार की शिकायत एक जैसी है. कॉपी-पेस्ट जैसा मामला सामने आया है, लेकिन हकीकत जानने के लिए सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले गए हैं. मेडिकल स्टूडेंट्स से लिए गए बयानों में अभी तक किसी ने रैगिंग जैसी बात नहीं कही है.

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