Guru Asta 2025: बृहस्पति ग्रह, जिन्हें गुरु देव भी कहा जाता है, 12 जून 2025 को शाम 7:58 बजे पश्चिम दिशा में अस्त हो जाएंगे और 9 जुलाई 2025 को सुबह 4:54 बजे पूर्व दिशा में उदय होंगे. इस एक माह की अवधि में गुरु की शुभ दृष्टि कमजोर मानी जाती है, जिससे वैवाहिक और मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाता है.

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु को धर्म, ज्ञान, विवाह, संतान, शिक्षा और गुरु-शिष्य परंपरा का कारक माना गया है. जब गुरु अस्त होते हैं, तब उनकी ऊर्जा पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती, जिससे शुभ कार्यों में बाधाएं उत्पन्न होती हैं. इसी कारण इस अवधि में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, यज्ञोपवीत संस्कार, नामकरण, नए व्यापार की शुरुआत, दीक्षा और सगाई जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं.

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किन राशियों पर पड़ेगा असर? (Guru Asta 2025)

गुरु के अस्त होने का विशेष प्रभाव धनु, मीन, कर्क, तुला और वृषभ राशि के जातकों पर पड़ सकता है. चूँकि धनु और मीन गुरु की स्वयं की राशियाँ हैं, इसलिए इन पर इसका सीधा असर होगा. इन राशियों के जातकों को इस दौरान स्वास्थ्य, शिक्षा और करियर संबंधी निर्णय सोच-समझकर लेने चाहिए.

क्या विवाह हो सकेंगे? (Guru Asta 2025)

गुरु अस्त के दौरान विवाह करना ज्योतिषीय दृष्टिकोण से उचित नहीं माना जाता. इस अवधि में संपन्न होने वाले विवाह में शुभता की कमी मानी जाती है और वैवाहिक जीवन में समस्याएं आने की संभावना रहती है. इसलिए जिन लोगों ने विवाह की योजना बनाई है, उन्हें 9 जुलाई के बाद ही शुभ मुहूर्त देखकर विवाह करना चाहिए.

इस अवधि में लोग गुरुवार का व्रत रख सकते हैं और ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ मंत्र का जाप करके गुरु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं.

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