कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। इंसान अगर हिम्मत ना हारे तो वह आखिरी लम्हे में भी बड़ी कामयाबी हासिल कर सकता है. इस बात को साबित कर दिखाया ग्वालियर के आयुष भदौरिया ने. जी हां आयुष ने UPSC में पांचवें अटेम्प्ट में 253वीं रैंक हासिल की है. खास बात यह है कि आयुष ने ये कारनामा बिना किसी कोचिंग के कर दिखाया है.

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ग्वालियर के तुलसी विहार इलाके में रहने वाले आयुष भदोरिया ने पांचवें अटेम्प्ट में UPSC क्लियर किया है. आयुष ने UPSC में 253वीं रैंक हासिल कर परिवार और समाज का गौरव बढ़ाया है. दरअसल आयुष UPSC में पहले अटेम्प्ट में  मेन्स एग्जाम तक पहुंचे, फिर दूसरे तीसरे अटेम्प्ट में प्री और मेन्स को पास कर इंटरव्यू तक पहुंचे थे, लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई थी. वहीं चौथे अटेम्प्ट में तो आयुष UPSC में प्री एक्जाम को भी पास नहीं कर पाए.

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इससे आयुष को खासी निराशा हाथ लगी. कई लोगों ने उसे UPSC छोड़कर अन्य काम करने की सलाह तक दे डाली. लेकिन परिवार वालों ने आयुष का हौसला बढ़ाया और उसके बाद आयुष ने तय कर लिया कि 5 वां उसके लिए आखिरी अटेम्प्ट होगा. इसमें पूरे दम से तैयारी कर कामयाबी हासिल करेगा और आखिर में आयुष ने यह कर भी दिखाया. सबसे खास बात तो यह है कि आयुष ने बिना कोचिंग के ही घर पर 10 से 12 घंटे की रोजाना पढ़ाई करके UPSC क्लियर की है.

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गौरतलब है कि आयुष भदोरिया की स्कूल शिक्षा ग्वालियर में ही पूरी हुई है. इसके बाद आईआईटी जोधपुर से पास आउट होने के बाद आयुष ने 2016 में ग्रैजुएट इंजीनियर ट्रेनी की जॉब करना शुरू किया. वही 4 महीने जॉब करने के बाद आयुष ने यूपीएससी के जरिए देश के साथ लोगों की सेवा करना बेहतर समझा और वह इसकी तैयारी में जुट गए. आयुष ग्वालियर में कलेक्टर रहे सीनियर आईएएस अफसर पी नरहरि को अपना रोल मॉडल मानते हैं.

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