कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित जयारोग्य अस्पताल समूह के सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में एक महिला नर्सिंग ऑफिसर ने दो सीनियर डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पीड़िता ने छेड़छाड़, शारीरिक संबंध बनाने का दबाव, जातिगत अपमान और धमकी जैसे संगीन मामलों का खुलासा किया है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर SC/ST (अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण) एक्ट सहित भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं में दोनों डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है।  

क्या है पूरा मामला?

पीड़िता, जो नेफ्रोलॉजी विभाग में नर्सिंग ऑफिसर के रूप में कार्यरत हैं, उसने अपनी शिकायत में बताया कि मुख्य आरोपी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉक्टर शिवम यादव ने उनके साथ छेड़छाड़ की। शिकायत के अनुसार, डॉ. यादव ने चैंबर में पीड़िता का हाथ पकड़ लिया और उन्हें डॉ. गिरजा शंकर गुप्ता (अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट) को ‘खुश रखने’ (यानी शारीरिक संबंध बनाने) का दबाव बनाया। जब पीड़िता ने इसका विरोध किया, तो डॉक्टरों ने नौकरी से निकालने की धमकी दी। पीड़िता ने आगे आरोप लगाया कि डॉ. शिवम यादव ने कहा, “अगर तुमने हमारी बात नहीं मानी, तो तुम्हारा हाल भी कोलकाता रेप केस की पीड़िता जैसा होगा।” इसके अलावा, दोनों डॉक्टरों पर जातिगत अपमान का भी आरोप है, जहां पीड़िता की SC समुदाय से होने के कारण उन्हें अपमानजनक शब्दों से संबोधित किया गया।  

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पीड़िता ने कंपू थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। FIR में BNS की धारा 354 (महिलाओं पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी) के साथ SC/ST एक्ट की धारा 3(1)(r) और 3(1)(s) शामिल की गई हैं। यह घटना मध्य प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बड़ा सवालिया निशान खड़ी कर रही है। हाल ही में भिंड के एक अस्पताल में भी इसी तरह का मामला सामने आया था, जहां सीनियर डॉक्टर पर छेड़छाड़ का आरोप लगा। 

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