कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और विधायक रामनिवास रावत का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने सुरजेवाला के हेमा मालिनी को लेकर दिए बयान पर कहा है कि सुरजेवाला हमारे सीनियर नेता, राष्ट्रीय महासचिव भी हैं। इस तरह के बयानों से बचना चाहिए, मैं उन्हें सलाह तो नहीं दे सकता लेकिन मैं यही कहूंगा हमारी इच्छा भी रहती है इस तरह के बयानों से बचना चाहिए। संवैधानिक भाषा का उपयोग करते हुए बयान देना चाहिए, जो काम बीजेपी करती है वहीं काम हम करने लगेंगे तो फिर भाजपा और कांग्रेस में क्या अंतर रह जाएगा।
ग्वालियर और मुरैना प्रत्याशी को लेकर कही ये बात
रामनिवास रावत का मध्य प्रदेश की तीन लोकसभा सीटों खासकर ग्वालियर और मुरैना सीट पर प्रत्याशी के ऐलान को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनका कहना है कि तीसरे चरण में इन सीटों पर चुनाव है और बहुत जल्द आज या कल तक प्रत्याशियों की घोषणा हो जाएगी। प्रत्याशियों के चयन पर मंथन चल रहा है, कौन बेहतर रहेगा इस पर चर्चा हो रही है। यह दोनों सीट कांग्रेस जीतने की स्थिति में है और दोनों सीट हम ही जीतेंगे। रामनिवास रावत ने उन आरोपों का खंडन भी किया है जहां चर्चा चल रही है कि कांग्रेस में वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं हो रहा है इस पर उन्होंने कहा कि पार्टी में वरिष्ठ कांग्रेसियों का सम्मान किया जाता है और सम्मान करते भी हैं। अधिक लोगों से रायशुमारी ली जा रही होगी, प्रत्याशियों का सूक्ष्म परीक्षण किया जा रहा है उसके बाद घोषणा कर दी जाएगी।
फ्रस्ट्रेशन की स्थिति में नरोत्तम मिश्रा
रामनिवास ने पूर्व गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के उस बयान पर भी पलटवार किया है, जहां उन्होंने कहा था कि इस बार चुनाव चुनौतियों से नहीं बल्कि पनौतियों के साथ है। इस पर रामनिवास रावत ने कहा कि मुझे लगता है नरोत्तम जैसा आदमी के इस तरह बात करना बहुत हास्यास्पद है। एक चुनाव वह खुद देख चुके हैं और वह खुद फ्रस्ट्रेशन की स्थिति में है। जब वह विधानसभा चुनाव हार गए तो खुद पार्लियामेंट चुनाव लड़ना चाहते थे। उनका पार्टी में अच्छा नाम और कद था, लेकिन पार्लियामेंट का टिकट न मिलने के बाद वह फ्रस्ट्रेशन की स्थिति में है इसलिए कुछ भी बोल रहे हैं।
सिंधिया के बयान पर पलटवार
ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयान कांग्रेस इस बार चुनाव में बेहोश हो जाएगी। रामनिवास ने इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस कभी न बेहोश थी न कभी होगी और न ही कोई कर सकता है, यह प्रजातंत्र है। मैं उनके बारे में कुछ ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा, क्योंकि वह लंबे समय तक कांग्रेस में रहे हैं। मुझे आश्चर्य होता है कि हम जिस सिद्धांतों को लेकर चलते हैं और उन सिद्धांतों को अचानक छोड़ देते हैं, कैसे छोड़ देते हैं कैसे दूसरे सिद्धांत को अडॉप्ट कर लेते हैं ये बड़ा हास्यास्पद बात होती है।
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पटवारी और सिंघार में खींचतान को लेकर कही ये बात
विधायक रावत ने उस सवाल का भी जवाब दिया है जिसकी चर्चा जोर-शोर से चल रही है कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के बीच पटरी नहीं बैठने के चलते ग्वालियर और मुरैना सीट का टिकट होल्ड में पड़ा हुआ है। उन्होंने इस तरह की चर्चा को सिरे से नकारा है और कहा कि इस तरह की कोई स्थिति नहीं है, इसके चलते टिकट फंसे हुए हैं। टिकट जीतने वालों के चयन को लेकर फंसे हुए हैं, जिन्हें जल्द घोषित कर दिया जाएगा। उमंग सिंघार के दिल्ली में डेरा जमाए वाले सवाल का जबाब उनके क्षेत्र में मिल सकता है कि वह कहां पर है, इसलिए यह तो जवाब वही दे सकते हैं।
बीजेपी की हैसियत नहीं कि मुझे पार्टी में शामिल करें
6 अप्रैल को बड़ी संख्या में कांग्रेसी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं कांग्रेस का डिहाइड्रेशन बिगड़ा है, इस सवाल पर रामनिवास ने कहा कि 24 घंटे बाद 6 तारीख आ जाएगी। मेरा नाम भी उस लिस्ट में चल रहा है, यह मुझे पता नहीं है, लेकिन कौन चला रहा है कैसे चल रहा है यह भी सामने आ जाएगा। रावत ने कहा कि मैं कांग्रेस में था हूं और रहूंगा। न कभी बीजेपी में जाऊंगा और न ही कभी बीजेपी की हैसियत है कि वह मुझे पार्टी में शामिल कर सकें, कांग्रेस का डिहाइड्रेशन नहीं बिगड़ा है।
किसी के आने-जाने से पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता
रामनिवास रावत ने कमलनाथ के बेहद करीबी दीपक सक्सेना के बीजेपी में शामिल होने की चर्चाओं पर कहा कि इस मामले में बीच की क्या बात है, यह तो वही बता सकते हैं। लेकिन ऐसी स्थिति नहीं बनना चाहिए। अगर विचारों में कहीं मेल नहीं खाता है तो वह बैठकर बात कर निपटाना चाहिए। रामनिवास ने कांग्रेस पार्टी के संगठन पर उठ रहे सवालों पर कहा कि आने जाने का सिलसिला तो बना रहता है, लेकिन पार्टी में किसी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है। 1972 और 1977 में ऐसे ही हालात बने थे, बहुत बड़े-बड़े नेता पार्टी को छोड़कर गए थे, लेकिन पार्टी फिर से खड़ी हो गई, पार्टी आगे भी खड़ी होगी किसी के जाने से आने से कोई अंतर नहीं पड़ता है।
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