रायपुर. कोरोना वायरस के खौफ के बाद अब हंता वायरस का डर लोगों को सताने लगा है. सीडीसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, हंता वायरस चूहों से फैलता है. अगर कोई इंसान चूहों के मल-मूत्र या लार को छूने के बाद अपने चेहरे पर हाथ लगाता है तो हंता संक्रमित होने की आशंका बढ़ जाती है.
कैसे फैलता है?
चीन के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के मुताबिक, यह वायरस चूहों से फैलता है. यह हवा के जरिए नहीं फैलता. यह उन लोगों को अपनी चपेट में लेता है, जो चूहों के मल-मूत्र, सलाइवा और इन चीजों को चेहरे तक ले जाते हैं.
हालांकि आमतौर पर हंता वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं जाता है. हंता के संक्रमण का पता लगने में एक से आठ हफ्तों का वक़्त लग सकता है. अगर कोई व्यक्ति हंता संक्रमित है तो उसे बुखार, दर्द, सर्दी, बदन दर्द, उल्टी जैसी दिक़्क़तें हो सकती हैं. हंता संक्रमित व्यक्ति की हालत बिगड़ने पर फेफड़ों में पानी भरने और सांस लेने में तकलीफ़ भी हो सकती है.
लक्षण दिखने के बाद अगला चरण क्या होता है?
शुरुआती लक्षण दिखने के बाद अगर संक्रमित व्यक्ति का इलाज नहीं किया जाता है तो उसे लो ब्लडप्रेशर, आघात, नाड़ियों से रिसाव, किडनी फेल होने का खतरा हो सकता है.
इसके लक्षण क्या हैं?
इस वायरस की चपेट में आने के शुरुआती लक्षण थकावट, बुखार, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, चक्कर आना, सर्दी लगना और पेट की समस्याएं होना है.
अभी किन्हें अपनी चपेट में ले रहा है?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के ग्रामीण इलाकों में इस वायरस के फैलने की ज्यादा आशंका है, क्योंकि वहां चूहों की तादाद ज्यादा है. इसके अलावा कैम्पर्स और हाईकर्स भी इसकी चपेट में आ सकते हैं, क्योंकि वे कैम्पों में रहते हैं.
बचाव के लिए चीन ने क्या कदम उठाए?
सीडीएस ने बताया कि शुरुआती तौर पर हमने केवल चूहों की तादाद को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं, क्योंकि इस वायरस के फैलने की जड़ चूहे ही हैं.