रोहतक. Tokyo Olympic 23 जुलाई से शुरू होने वाला है. Tokyo Olympic के लिए हरियाणा से 29 खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया है. वहीं, हरियाणा के रोहतक जिले से बॉक्सर अमित पंघाल व कुश्ती में सीमा बिसला जैसी महिला पहलवान ने भी 50 किलोभार में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है.

Tokyo Olympic में क्वालीफाई हुई महिला पहलवान सीमा बिसला ने कॉमनवेल्थ व एशियाड, नेशनल कुश्ती प्रतियोगिताओं में मेडल दिलवाए हैं. सीमा बिसला का जन्म 1993 में रोहतक जिले के छोटे से गांव गुढान में हुआ है. सीमा के पिता आज़ाद बिसला खेती-बाड़ी करते हैं. सीमा के पांच भाई बहन हैं. सीमा सबसे छोटी हैं. सीमा की चार बहने व एक मंझला भाई है.

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बता दें कि सीमा ने नेशनल व इंटरनेशनल पदक लाने के बाद रेलवे में नौकरी की. बाद में सीमा हरियाणा सरकार में सीनियर कुश्ती कोच के रूप में नौकरी करने लगीं, जो अभी भी कर ही रही हैं. फिलहाल सीमा की पोस्टिंग पानीपत जिले में है.

सीमा को 12-13 साल की उम्र में ही कुश्ती के लिए अखाड़े में छोड़ दिया गया था. सीमा ने अपनी मेहनत व संघर्ष से कुश्ती में अपना और अपने देश का नाम रोशन किया है. महिला पहलवान सीमा बिसला से उसके परिवार वालों, ग्रामीणों को पूरी-पूरी उम्मीद है कि वे टोक्यो ओलंपिक में जरूर मेडल जीतकर लाएंगी.

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महिला पहलवान सीमा के पिता आजाद बिसला, मां बरमी, भाई मैनपाल व बहन शर्मिला ने बातचीत में बताया कि सीमा को 6वीं कक्षा में ही कुश्ती के लिए निडानी गांव के अखाड़े में भेज दिया गया था. सीमा शुरू से ही मेहनती रही हैं. वह दिन में 12 घंटे अपनी कुश्ती का अभ्यास करती हैं.

पहले वह रोहतक के सरकारी सर छोटूराम स्टेडियम में अभ्यास करती थीं, रेलवे में जाने के बाद रेलवे के कोच ने उनसे बहुत मेहनत करवाई. रेलवे की नौकरी छोड़ने के बाद भी वही कोच अपने घर पर उन्हें ट्रेंनिग देते हैं.

सीमा के पिता आजाद बिसला ने कहा कि मेरी बेटी सीमा पर मुझे गर्व है. उसका सपना था वह ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करे और देश और प्रदेश का नाम रोशन करे. इस बार सीमा के लिए हमें बहुत ही खुशी है कि जापान में होने वाले ओलंपिक के लिए उसने क्वालीफाई किया है.