HDFC Market Cap Increased: कारोबार में देश की शीर्ष 10 कंपनियों में से 7 का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 3,04,477 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया. इनमें एचडीएफसी सबसे ज्यादा फायदे में रहा. इसका मार्केट कैप 74 हजार करोड़ रुपये बढ़ गया है.

वहीं एलआईसी का मार्केट कैप 65,558 करोड़ रुपये बढ़कर 4.89 लाख करोड़ रुपये हो गया है. इसके अलावा टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, आईसीआईसीआई बैंक और एसबीआई की मार्केट वैल्यू बढ़ी है. वहीं आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर (एचयूएल) और भारती एयरटेल के मार्केट कैप में गिरावट आई है. आईटीसी का मार्केट कैप 935.48 करोड़ रुपए गिरकर 5.60 लाख करोड़ रुपए रह गया. जबकि HUL और एयरटेल के मार्केट कैप में 9.84 हजार करोड़ रुपये और 8.56 हजार करोड़ रुपये की गिरावट आई है.

बाज़ार पूंजीकरण क्या है?(HDFC Market Cap Increased)

मार्केट कैप किसी भी कंपनी के कुल बकाया शेयरों का मूल्य है, यानी वे सभी शेयर जो वर्तमान में उसके शेयरधारकों के पास हैं. इसकी गणना कंपनी के जारी शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक मूल्य से गुणा करके की जाती है. मार्केट कैप का उपयोग कंपनियों के शेयरों को वर्गीकृत करने के लिए किया जाता है ताकि निवेशकों को उनके जोखिम प्रोफ़ाइल के अनुसार चयन करने में मदद मिल सके. जैसे लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप कंपनियां.

मार्केट कैप कैसे काम करता है?(HDFC Market Cap Increased)

किसी कंपनी के शेयरों से मुनाफा होगा या नहीं, इसका अंदाजा कई कारकों को देखकर लगाया जाता है. इनमें से एक कारक है मार्केट कैप. निवेशक मार्केट कैप देखकर पता लगा सकते हैं कि कोई कंपनी कितनी बड़ी है. जिस कंपनी का मार्केट कैप जितना अधिक होगा वह कंपनी उतनी ही अच्छी मानी जाती है. स्टॉक की कीमतें मांग और आपूर्ति के अनुसार बढ़ती और घटती हैं. इसलिए, मार्केट कैप उस कंपनी का सार्वजनिक रूप से माना गया मूल्य है.

मार्केट कैप में उतार-चढ़ाव कैसे होता है? (HDFC Market Cap Increased)

मार्केट कैप फॉर्मूला से यह स्पष्ट है कि इसकी गणना कंपनी के जारी किए गए शेयरों की कुल संख्या को स्टॉक मूल्य से गुणा करके की जाती है. यानी अगर शेयर की कीमत बढ़ेगी तो मार्केट कैप भी बढ़ेगी और अगर शेयर की कीमत घटेगी तो मार्केट कैप भी घटेगी.