Health Insurance New Circular: मान लीजिए आप कुछ दिनों से अस्पताल में हैं. डॉक्टर राउंड पर आता है और आपको डिस्चार्ज के लिए फिट घोषित करता है. अब आप घर जाने के लिए अपना बैग पैक करते हैं, तभी अस्पताल का स्टाफ आपको कुछ और समय तक इंतजार करने के लिए कहता है.

दोपहर शाम हो जाती है, लेकिन आपको अस्पताल से छुट्टी नहीं मिलती क्योंकि आपका स्वास्थ्य बीमा दावा अभी तक क्लियर नहीं हुआ है. स्टाफ कहता है कि जब तक बीमाकर्ता बिलों पर हस्ताक्षर नहीं करता तब तक अस्पताल आपको डिस्चार्ज नहीं करेगा.

स्टाफ़ का कहना है कि अगर कुछ घंटे और लग गए तो आपको एक और रात अस्पताल में बितानी पड़ेगी. इससे आपका अस्पताल का बिल भी बढ़ जाएगा. ऐसा हर रोज़ कई लोगों के साथ होता है. लोग ठीक तो हो जाते हैं, लेकिन डिस्चार्ज होने के लिए उन्हें घंटों इंतज़ार करना पड़ता है.

IRDAI ने जारी किया मास्टर सर्कुलर (Health Insurance New Circular)

इस समस्या को देखते हुए भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने एक मास्टर सर्कुलर जारी किया है. इसमें 55 सर्कुलर को निरस्त कर दिया गया है और स्वास्थ्य बीमा में पॉलिसीधारक के सभी अधिकारों को एक साथ जोड़ दिया गया है. IRDAI ने कहा कि अस्पताल से डिस्चार्ज रिक्वेस्ट मिलने के 3 घंटे के अंदर बीमा कंपनी को फाइनल ऑथराइजेशन देना होगा. किसी भी परिस्थिति में पॉलिसीधारक को अस्पताल से डिस्चार्ज होने का इंतजार नहीं कराया जा सकता.

अगर पॉलिसीधारक को डिस्चार्ज होने में 3 घंटे से ज्यादा की देरी होती है और अस्पताल अतिरिक्त चार्ज लगाता है तो बीमा कंपनी उस चार्ज को वहन करेगी. इसका बोझ पॉलिसीधारक पर नहीं डाला जा सकता.

नियामक ने कहा कि इलाज के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु होने की स्थिति में बीमाकर्ता को:-

  • दावा निपटान के अनुरोध पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए.
  • शव को तुरंत अस्पताल से बाहर निकालना चाहिए.