कुमार इंदर, जबलपुर: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सीएम राइस स्कूल की एक शिक्षिका के तबादले पर न केवल रोक लगाई बल्कि टीचर को दोबारा उसी स्कूल में ज्वाइन कराने के आदेश भी दिए हैं। साथ ही कोर्ट ने इस मामले में प्रिंसिपल और जिला शिक्षा अधिकारी से स्पष्टीकरण भी मांगा है कि आखिर क्यों जांच किए बिना ही शिक्षिका का ट्रांसफर कर दिया गया।

दरअसल बरेला की सीएम राइस स्कूल में उप प्राचार्य श्रद्धा शुक्ला ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पंकज दुबे और रितिका गुप्ता ने हाईकोर्ट में दलील देते हुए बताया कि याचिकाकर्ता ने सीएम राइस स्कूल के प्राचार्य डीके गुप्ता द्वारा बदसलूकी को लेकर शिकायत की थी। जिसके बाद प्रिंसिपल ने जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी के साथ मिलकर उनका तबादला कर दिया।

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उसी स्कूल में दोबारा ज्वाइन कराने के आदेश

शिक्षिका का कहना है की प्रिंसिपल और जिला शिक्षा अधिकारी आपस में अच्छे मित्र हैं लिहाजा उनका पक्ष ना तो सुना गया ना ही उनकी शिकायत पर कोई ध्यान दिया गया। याचिकाकर्ता के वकील पंकज दुबे ने बताया कि इसके बाद शिक्षिका की शिकायत का जिम्मा ज्वाइन डायरेक्टर शिक्षण संचालनालय को मिला, लेकिन ज्वाइन डायरेक्टर की रिपोर्ट आती उसके पहले ही आनन फानन में शिक्षिका का ट्रांसफर दमोह जिला कर दिया गया। जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने न केवल शिक्षिका का ट्रांसफर रुकवाया बल्कि उन्हें उसी स्कूल में दोबारा ज्वाइन कराने के आदेश भी दिए हैं।

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ज्वाइंट डायरेक्टर की रिपोर्ट में प्रिंसिपल दोषी

वहीं याचिकाकर्ता शिक्षिका की शिकायत पर ज्वाइंट डायरेक्टर शिक्षा संचालनालय की जांच रिपोर्ट भी आ गई है। जिसमें यह बताया गया है कि इस मामले में प्रिंसिपल डीके गुप्ता ही दोषी है। जांच में पाया गया है की शिक्षिका के साथ प्रिंसिपल के बदसलूकी के आरोप सही हैं। अब मामले की अगली सुनवाई 13 मार्च को होगी।

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