बिलासपुर। हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ राज्य से चावल की खरीद के लिए दायर जनहित याचिका पर जूट कमिश्नर और याचिकाकर्ता को भी अपना जवाब 2 सप्ताह में प्रस्तुत करने कहा है. मामले में केंद्र सरकार और राज्य सरकार मार्कफेड का जवाब आ चुका है, जिसमें चावल खरीदी प्रक्रिया की जानकारी दी गई है.

याचिका में 60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने के लिए एफसीआई को निर्देशित करने की मांग की है. केंद्र ने FCI की ओर से जवाब में कहा कि मापदंडों के अनुसार FCI के माध्यम से खरीदी की जा रही है.

किसानों की ओर से एडवोकेट आयुष भाटिया ने बतौर पिटिशनर इन पर्सन हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था  कि इस वर्ष के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 89 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया था, इसमें से स्थानीय किसानों से 60 लाख  मीट्रिक टन धान एफसीआई के सेंट्रल पूल के तहत  खरीदने का आश्वासन दिया गया था. केंद्र शासन ने सिर्फ 24 लाख मीट्रिक टन खरीदने की ही अनुमति दी.

दायर याचिका के मुताबिक यह किसानों के साथ न केवल बहुत बड़ा अन्याय है, बल्कि यह उनके अधिकारों और हितों को भी प्रभावित करेगा. यह सारी स्थिति तब सामने आई जब केंद्र ने एक पत्र जारी कर साफ़ कहा कि वह राज्य शासन की एजेंसी मार्कफेड से धान की  खरीदी नहीं करेगा. यहां राज्य में गांवों तहसीलों में अब खरीदी के लिए स्थान नहीं बचा है , क्योंकि पहले से धान पड़ा हुआ है जिसकी खरीदी बाकी है.

read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus