रायपुर। राजधानी रायपुर के शास्त्री चौक में शनिवार को महिलाओं से संबंधित शिकायतों पर महिला आयोग ने सुनवाई की. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि पति-पत्नी का संबंध अटूट है. अवैध संबंधों से गृहस्थी बर्बाद न करें. महिला आयोग की सुनवाई के दौरान एक मामले में आपसी रजामंदी से न्यायालय में तलाक लेने के लिए पति-पत्नी राजी हो गए. अनावेदिका के भविष्य के जीवन यापन के लिए अंतिम भरण पोषण 3 लाख 50 हजार रुपए आवेदिका का पुत्र अनावेदिका को देगा. जो चार किस्तों में देगा. आज आयोग के समक्ष अनावेदिका को 20 हजार रुपए आवेदिका को दिया. अनावेदिका 3 दिन बाद आवेदिका के पुत्र के निवास स्थान में जाकर विवाह के बचे हुए वस्तुएं को लेने जाएगी. जिसमें आवेदक पक्ष अनावेदिका को सहयोग करेंगे.

रंगीन मिजाज BEO पर गिरी गाज: व्हाट्सएप ग्रुप में अश्लील वीडियो किया था शेयर, महिला आयोग के संज्ञान के बाद किया गया निलंबित

एक और मामले में पति का दूसरी महिला के साथ अवैध संबंध था, जिसकी अश्लील तस्वीरें पत्नी ने महिला आयोग को दिया. महिला के पति सरकारी नौकरी में पदस्थ है, उसने स्वीकार किया वो अश्लील तस्वीरें उसी की है. अब यह सबूत निलंबित करने पर्याप्त है. इन दोनों के 5 वर्ष और 7 वर्ष के दो बच्चे भी हैं. सुनवाई के बाद दूसरी महिला ने उसके पति से बातचीत नहीं करने की बात कही. क्योंकि उस महिला की भी शादी हो चुकी है. आयोग की समझाइश के बाद पति-पत्नी पुरानी बातों को भूलकर साथ रहने तैयार है.

डॉक्टर से पिटाई का मामला: BJP चिकित्सा प्रकोष्ठ ने महिला आयोग का किया घेराव, राज्यपाल से अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग

दूसरे प्रकरण में आवेदिका के खिलाफ अनावेदक सोशल मीडिया पर मानहानि और आपत्तिजनक बात कहकर पोस्ट किया है. इस पर अनावेदक का कथन है कि वह आवेदिका से अपने पैसे वापस लेने के लिए बात करता है. सोशल मीडिया पर कमेंट करने की बात स्वीकार किया है. इसके साथ ही कहा कि अखबार में छपा था उसे लिखा हूं और अपने गलती के लिए आवेदिका से माफी नहीं मांगना चाहता हूं. आयोग ने दोनों पक्षकारों को सलाह दिया गया कि अपने विस्तृत कथन शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करें. इस प्रकरण को आगामी सुनवाई में रखा गया है.

दूसरी शादी की तैयारी कर रहा पति पहली पत्नी व बेटी को देगा एकमुश्त भरण-पोषण राशि, महिला आयोग ने सुनाया फैसला

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका अपने पालित पुत्र के खिलाफ प्रकरण प्रस्तुत किया था. उसके नाम पर 19 लाख रुपए का मकान लिया था. अनावेदक ने कहा कि आवेदिका माँ है, मकान के ऊपर हिस्से में रहेगी, उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. उनका खर्च अनावेदकगण वहन करेंगे. अनावेदकगण ने आवेदिका से आयोग के समक्ष माफी मांगा. जिससे आवेदिका ने अपना प्रकरण की सुनवाई से सन्तुष्ट हुई. इस आधार पर प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया.

मानसिक प्रताड़ना की शिकायत पर दर्ज हो गया लैंगिक प्रताड़ना का मामला, महिला आयोग की सुनवाई में अधिकारी ने मानी गलती

इस तरह राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, सदस्य शशिकांता राठौर, डॉ. अनीता रावटे और अर्चना उपाध्याय ने 4 दिनों तक प्रकरणों की सुनवाई की. महिला आयोग के समक्ष महिला उत्पीड़न से संबंधित 84 प्रकरण सुनवाई के लिए रखे गए थे. राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने कहा कि पति-पत्नी का संबंध अटूट है. अवैध संबंधों से गृहस्थी बर्बाद न करें.

read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus