सुशील सलाम, कांकेर। पहली पत्नी की शिकायत पर तलाक लिए बगैर दूसरी शादी करने वाले पति को राज्य महिला आयोग ने एकमुश्त राशि पत्नी और बेटी के लिए जमा करने के साथ विधिवत तलाक लेने का निर्देश दिया. प्रकरण में आयोग ने आवेदिका पत्नी से चर्चा करने के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग को प्रकरण सुपुर्द कर कार्रवाई से अवगत कराने को कहा.

जिला कार्यालय के सभाकक्ष में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ . किरणमयी नायक की उपस्थिति में 20 प्रकरणों का सुनवाई हुई. 14 प्रकरणों का निराकरण किया गया, वहीं 6 प्रकरणों में पक्षकार अनुपस्थित रहे. दहेज प्रताड़ना के एक प्रकरण में कांकेर  एसआई को आयोग की ओर से जिम्मेदारी दी गई, जिसमें प्रकरण की तफ्तीश कर आवेदिका व बच्चे के भरण-पोषण के संबंध में अनावेदक से स्वीकृति कराए जाने को कहा है. पहले पत्नी को तलाक दिए बिना अनावेदक दूसरी शादी करने वाला है, ऐसे में आयोग ने अनावेदक जिस महिला से दूसरी शादी करना चाहते है उसका भी बयान दर्ज कर 10 दिन के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया.

एक अन्य प्रकरण में वर्ष 2012 में शासकीय सेवा से लगातार अनुपस्थित रहने के बाद आवेदिका के आयोग के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया है. नौ वर्ष पुराना प्रकरण होने की वजह से आयोग से इसे नस्तीबद्ध किया गया. वहीं मानसिक प्रताड़ना के एक प्रकरण में अनावेदक ने बताया कि पेंशन प्रकरण 2008 से 2011 में विसंगतियां होने के कारण उचित कार्रवाई नहीं हो पाई है. एक सप्ताह में कार्रवाई होने की सम्भावना अनावेदक ने व्यक्त की. आयोग ने कार्यालय, संयुक्त संचालक एवं नगरीय प्रशासन कांकेर को आयोग कार्यालय को सूचित करने कहा.