विप्लव गुप्ता. पेंड्रा. मरवाही के बगरार में स्थित एसटी गर्ल्स हॉस्टल में विगत महीनेभर से छात्राओं को सिर्फ आलू और सोयाबीन बड़ी की सब्जी परोसा जा रहा है. 13 छात्राएं फूड पॉइजनिंग के शिकार हो गईं है. सभी छात्राओं को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया है. छात्राओं ने अधिकारियों से बयान में कहा है कि उन्हें विगत 25 दिनों से सब्जी के नाम पर सिर्फ आलू और सोयाबीन बड़ी ही परोसा जा रहा है. छात्राओं ने अपने आधिकारिक बयान में भी हॉस्टल की कई अनियमितताएं बताईं हैं.

आपको बता दें कि आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित प्रे मेट्रिक कन्या छात्रावास मरवाही के बगरार में कल देर रात भोजन करने के बाद 13 छात्राव की हालत फ़ूड पाईजनिंग के बाद ख़राब हो गयी. इसके बाद गाव वाले एवं छात्रावास में काम करने वाली महिला की सजगता से उन्हें इलाज के लिए तत्काल सामुदायिक स्वास्थ केंद्र मरवाही लाया गया. जहा सभी की हालत खतरे से बाहर है. परन्तु इस घटना ने आदिवासी छात्रावासों में लगातार हो रही लापरवाही छात्रावास अधीक्षिका की गैरजिम्मेदारी अव्यस्था सामने आई हलांकि इस घटना के बाद संस्था के प्राचार्य ने इसकी शिकायत सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से की है.

किराये के भवन में संचालित 50 बिस्तरीय प्रे मेट्रिक कन्या छात्रावास भगवान भरोसे संचालित है. यहा की प्रभारी अधीक्षिका कभी कभार यहाँ आकर यहाँ रहने वाली छात्राओ के लिए खानापूर्ति कर रवाना हो जाती है लगातार यहाँ भोजन में छात्राओ को निम्न गुणवत्ता का सोयाबीन की बरी सब्जी में देती एवं मेनू का कोई पालन कराए बगैर प्रतिदिन सुबह शाम का भोजन करा रही है. लगातार यही व्यवस्था होने के कारण शुक्रवार की रात इन छात्राओं इन इस शाम भो सोयाबीन की बड़ी एवं चावल खाया रात होते होते बच्चो की हालत बिगड़ने लगी.

किसी का पेट दर्द तो किसी को लगातार उलटिया की शिकायत मिलने पर छात्राओं ने इसकी सुचना छात्रावास में रह रही महिला रसोइया को दी जिसने ग्रामीणों की मदद से तत्काल एम्बुलेंस से 13 छात्राओं को मरवाही सामुदायिक स्वास्थ केंद्र भेजा जहा रात भर और आज दिन भर चिकित्सको की देख रेख में रखा गया है. हलांकि कोई अप्रिय स्थिति निर्मित नहीं हुई परन्तु छात्रावास में रहने वाली छात्राओं ने जो बताया वो पूरी व्यवस्था की पोल खोल रहा है. कभी भी शासन द्वारा मेनू चार्ट का कोई भी पालन नहीं किया जा रहा है. दूषित तरीके से भोजन बनाया जा रहा है जिन डब्बो में खाद्यान्न का भण्डार किया गया है वे भी दूषित है.

छात्रावास अधीक्षिका अल्पना मिंज की सजगता एवं सक्रियता का पता तो वहा लगे बोर्ड से ही पता चलता है की आज भी देश के राष्ट्रपति डॉ प्रणव कुमार मुखर्जी ही है क्षेत्र के एस डी एम जो दो साल पहले ही चले गए है उनका नाम अभी भी दर्ज है और खुद भी कभी कभार आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा देती है ऐसे में हर समय छात्राओ में असुरक्षा का भाव रहता है हलांकि मामला प्रकाश में आने के बाद ये छात्रावास में रहने वाली छात्राए जिस स्कुल में पद्धति है वहा के प्राचार्य ने अब इस अव्यवस्था की शिकायत विकास खंड शिक्षा अधिकारी के साथ साथ सहायक आयुक्त आदिवासी विकास से की है. इस अप्रिय घटना होने के बाद भी छात्रावास की अधीक्षिका घटना के 18 घंटे बीत जाने के बाद भी छात्रावास नहीं. चिकित्सक की माने तो छात्राओं को स्थिति खान पान में गुणवत्ता की कमी के कारण ही बिगड़ी है समय से छात्राए अस्पताल आ गयी जिससे कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.

छात्रावास में अनियमितता कोई नयी बात नहीं है फिर भी घटनाओं से आदिम जाती कल्याण विभाग सबक नहीं ले रहा है भाई भतीजावाद करके अधिकारी अपनों को उत्कृत करने के उद्देश्य से एक एक अधिक्षको को तीन से चार छात्रावासों की जिम्मेदारी दे दिए है पूरी व्यवस्था खानापूर्ति में चल रही है वही छात्रावास में रहने वाले छात्रो के भोजन और रख रखाव पर उन अधिक्षको और अधिकारियो की नियत ख़राब है नतीजा व्यवस्था बीमार है .