बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में पैसेंजर ट्रेन नहीं चलाई जा रही है. इसके अलावा स्पेशल ट्रेनों में जनरल बोगी भी नहीं है. इस मामले में हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच ने केंद्र सरकार से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. दरअसल समाज सेवी सुदीप श्रीवास्तव एवं अधिवक्ता द्वारा एक जनहित याचिका हाईकोर्ट के वकील संदीप दुबे के माध्यम से फ़ाइल की गई, जिस पर आज डिवीजन बेंच मुख्य न्यायाधीपति रामचंद्र मेनन एवं न्यायाधीश पी पी साहू ने सुनवाई की. प्रकरण में याचिकर्ता ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण मार्च से पूरे देश मे केंद्र सरकार और रेलवे द्वारा ट्रेन का संचालन बन्द कर दिया गया.

लॉकडाउन के समय श्रमिक स्पेशल ट्रेन राज्य सरकारों की मांग पर कुछ दिनों तक चलाई गई, उसके बाद आज तक पूरे देश मे स्पेशल ट्रेन करीब 151 ट्रेन्स स्टार्ट की गई. ट्रेन का नंबर बस चेंज किया गया, जबकि ट्रेन का नाम औऱ रूट वहीं रखा गया. उसके साथ साथ ट्रेन का किराया बढ़ा दिया गया और यात्रियों को कॉन्सेसशन समाप्त कर दिया गया,और सारी ट्रेनों में सामान्य श्रेणी के बोगी हटा दी गई,जिससे सामान्य गरीब और गांव के लोगों को जरूरत में भी महंगी यात्रा संभव नहीं.

पैसेंजर ट्रेन नहीं चलाने से छत्तीसगढ़ के गाड़ी आदिवासी और गांव के लोगों को परेशानी हो रही है. वो अपने इलाज के लिए भी ट्रेवल नहीं कर पा रहे हैं,जबकि केंद्र ने ही अपने महामारी अधिनियम के तहत जारी निर्देश में कहा है कि देश में कोई भी कही भी बिना रोक टोक के यात्रा कर सकता है, फिर पैसेंजर ट्रेन छत्तीसगढ़ और आस-पास के लिए क्यों नहीं चलाई जा रही ही. ये संविधान में प्रदत अनुछेद 19(1)(d) का स्पष्ट उल्लंघन है, क्योंकि संविधान कहता है कि भारत का नागरिक कही भी आ जा सकता है, जबकि दिल्ली में मेट्रो ट्रेन एवं मुम्बई में लोकल ट्रेनों को स्टार्ट कर दिया गया है.

डिवीजन बेंच ने केंद्र सरकार के वकील रमाकांत मिश्रा से पूछा कि इस संबंध में क्या कहना है. उन्होंने कहा केंद्र की पालिसी महामारी अधिनियम के अनुसार बनाई गई है, और सही है. दोनों पक्ष की सुनवाई के बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा कि गरीब और छोटो शहरों के लिए पैसेंजर ट्रेन क्यों नहीं चलाई जा रही और जो स्पेशल ट्रेन चल रही है, उसमें जनरल बोगी क्यों नहीं है. सभी रुट में एक पैसेंजर ट्रेन कम से कम होनी चाहिए. सारी स्पेशल ट्रेन एसी वाली या स्लीपर क्लास की है, केंद्र को इस संबंध में 3 सप्ताह में एफिडेविट फ़ाइल करने का आदेश दिया है.