वैसे तो डॉक्टरों की हैंडराइटिंग हमेशा से चर्चा का विषय रही है लेकिन हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक फैसला सुनाया है जो चर्चा का विषय बना हुआ है. तीन डॉक्टरों पर कोर्ट ने 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया है.
लखनऊ. अपराध के तीन अलग मामलों में सीतापुर, उन्नाव और गोंडा के अस्पतालों ने जो रिपोर्ट पेश की थी वो पढ़े जाने योग्य नहीं थी क्योंकि डॉक्टरों की लिखावट बेहद खराब थी.
इस बात को बेंच ने कोर्ट के काम में बाधा माना और तीनों डॉक्टरों- उन्नाव के टीपी अग्रवाल, सीतापुर के पीके गोयल और गोंडा के आशीष सक्सेना को हाजिर होने के आदेश जारी किए. जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस संजय हरकोली की बेंच ने इन डॉक्टरों को कोर्ट की लाइब्रेरी में 5-5 हजार जमा करने के आदेश दिए. कोर्ट ने कहा कि बार-बार डॉक्टरों से कहा जा रहा है कि वे अपनी लिखावट में आसान शब्द लिखें लेकिन उनकी लिखावट ऐसी होती है जिसे समझ पाना जजों और वकीलों के लिए बहुत अधिक कठिन होता है. हर बार मेडिकोलीगल रिपोर्ट पढ़ने के लिए डॉक्टरों को बुलाना भी संभव नहीं.