कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर एयरपोर्ट में पुअर एयर कनेक्टिविटी के मामले में हाईकोर्ट ने कठोर टिप्पी की है। कोर्ट ने कहा है कि क्यों न जुडिशल ऑर्डर से भोपाल और इंदौर की फ्लाइट जबलपुर ट्रांसफर कर दी जाए। 400 करोड़ खर्च कर एयरपोर्ट बनाने का क्या फायदा? क्यों न ये जमीन फॉरेस्ट विभाग को ट्रांसफर कर दी जाए? 

हाईकोर्ट ने भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल को निर्देश दिए हैं कि सभी फ्लाइट कंपनियां, मध्य प्रदेश शासन एक कमेटी का गठन करे। कमेटी में याचिकाकर्ता के वकील को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं। 6 नवंबर तक जवाब पेश करने के निर्देश भी दिए हैं। 

बता दें कि पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने पुअर एयर कनेक्टिविटी को लेकर विमानन कंपनियों को हाईकोर्ट ने फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि क्यों ना जबलपुर एयरपोर्ट बंद कर दिया जाए? विमानन कंपनियों को पूरा कमर्शियल डाटा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। तीन बिंदुओं पर शपथ पत्र के साथ जवाब पेश करने के निर्देश भी दिए थे। 

एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को मध्य प्रदेश शासन और एविएशन विभाग को भी शपथ पत्र में जवाब पेश करने के निर्देश दिए थे। बता दें कि जबलपुर से महज 5 फ्लाइट उड़ान भर रही है। हाल ही में करीब 400 करोड़ की राशि से डुमना एयरपोर्ट का विस्तारीकरण हुआ है। लेकिन इसके बाद भी हालात नहीं बदले। बल्कि उड़ाने पहले से भी कम हो गई। 

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