कुमार इंदर,जबलपुर। भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह का निर्वाचन शून्य घोषित करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने पिछली दो सुनवाई में याचिकाकर्ता और उनके वकील के उपस्थित नहीं होने पर याचिका खारिज की है। चलिए समझते हैं क्या पूरा मामला है ?

मौका देने के बाद भी नहीं हुए हाजिर

भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह के निर्वाचन को शून्य घोषित करने की याचिका साल 2019 में दाखिल की गई थी, तब से लेकर अब तक कई दौर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने इस मामले से जुड़े सारे दस्तावेजों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन दो-दो सुनवाई के बाद भी याचिकाकर्ता और याचिकाकर्ता के वकील जब कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो कोर्ट ये याचिका खारिज कर दी।

हाईकोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह की अपील भी की थी खारिज

इससे पहले दिसंबर 2019 में हाईकोर्ट ने सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह की अपील भी खारिज कर दी थी। सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने अपनी अपील में उनका चुनाव शून्य करने की याचिका खारिज करने की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया था कि याचिकाकर्ता के पास इस संबंध में साध्वी प्रज्ञा सिंह के चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए भाषण की सीडी, पेपर की कटिंग आदि दस्तावेज मौजूद है। लिहाजा साध्वी प्रज्ञा सिंह का चुनाव घोषित करने वाली याचिका को खारिज नहीं किया जा सकता।

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पत्रकार ने लगाई थी याचिका

बता दें कि पत्रकार राकेश दीक्षित की तरफ से दायर चुनाव याचिका में भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह के निर्वाचन को चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ने चुनाव के दौरान साम्प्रदायिक भाषण दिए थे. उन्होंने वोट पाने के लिए धार्मिक भावनाओं को भड़काने संबंधित बातों का उल्लेख भी अपने भाषण में किया। याचिका में लगाए गए आरोपों की पुष्टि के लिए साध्वी के भाषण की सीडी व अखबारों में प्रकाशित खबरों की कटिंग के साथ प्रस्तुत की गई थी। साध्वी के कृत्यों को जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 का उल्लंघन बताते हुए उनका निर्वाचन रद्द किए जाने की प्रार्थना याचिका में की गई थी।

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मालेगांव ब्लास्ट के बाद चर्चा में आई थी साध्वी प्रज्ञा

बता दें कि महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 में हुए एक बम ब्लास्ट में साध्वी प्रज्ञा सिंह का भी नाम सामने आया था। इस बम ब्लास्ट में 6 लोगों की जान गई थी, ब्लास्ट में 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे, तभी महाराष्ट्र के आतंकवाद विरोधी दस्ता यानी एटीएस ने प्रज्ञा सिंह पर ब्लास्ट में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार किया था। जिसके बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह को जेल भी काटनी पड़ी थी। हालांकि बाद में एनआईए ने प्रज्ञा सिंह को क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन अदालत ने साध्वी प्रज्ञा को दोष मुक्त नहीं किया था।

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