वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर. जमीन घोटाले को लेकर हाईकोर्ट ने संबंधित आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है. मोपका और चिल्हाटी में जमीन घोटाले से संबंधित जमानत याचिका की सुनवाई सोमवार को हाईकोर्ट में हुई. जिसमें भोंदूदास, हैरी जोसफ और अशोक कुमार जयसवाल ( पटवारी ) की जमानत खारिज हो गई है.

बता दें कि सरकारी और प्राइवेट जमीनों को फर्जी विक्रय पत्र के सहारे अपने नाम पर कराकर उसको बेचा गया. आरोपी कुछ और जमीनों को इसी तरह बेचने की फिराक में थे. मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद उच्च स्तरीय जांच का आदेश हुआ. जिसके बाद IG ने पुलिस टीम का गठन किया और रिपोर्ट के बाद FIR दर्ज हुई. जिसके बाद सुरेश मिश्रा और एक अन्य आरोपी ने जमानत पहले ले लिया. इसके चलते भोंदूदास, हैरी जोसफ और अशोक कुमार जायसवाल की ओर से भी जमानत की मांग की गई. इस पर सरकार की तरफ से आपत्ति की गई और कोर्ट को बताया कि ये बहुत बड़ा स्कैम है.

खसरा नंबर में छेड़छाड़

पुलिस अभी मामले की जांच कर रही है. जमीन के विक्रय पत्र को रजिस्ट्री ऑफिस से निकालकर उसमें छेड़छाड़ कर के नाम और खसरा नंबर बदला गया है, जो स्टेट एक्जामिनर रायपुर की रिपोर्ट में आया है. मामले में सभी पक्षो को सुनने के बाद जस्टिस रजनी दुने ने तीनों की जमानत निरस्त कर दी. हैरी जोसफ को एक अन्य मामले (जिसमें वो मुख्य आरोपी है) में जमानत मिलने से जमानत का लाभ मिल गया, लेकिन मुख्य प्रकरण में जमानत निरस्त होने से वह जेल में ही रहेगा.

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