पंकज सिंह भदौरिया, दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा जिले में पुलिस विभाग के सुरक्षा के नाम पर हाइटेक दावों की हवा खुलती नज़र आ रही है. बीते साल दंतेवाड़ा जिला पुलिस ने 16 सीसीटीवी कैमरे शहर के अलग-अलग ठिकानों में यह सोचकर लगाया था कि शहर में बढ़ रही चोरियां और आपराधिक घटनाओं में लगाम लगाया जा सके. लेकिन इसके उलट अपराधों पर लगाम लगाने वाली इन 16 आँखों मे 11 आंखें बंद पड़ी है.

इन सीसीटीवी कैमरों को लगाकर दंतेवाड़ा पुलिस ने दावा किया करने में कोई कोर कसर उस वक्त नही छोड़ी थी कि इससे अपराधों पर लगाम लगाने में तकनीक से मदद मिलेगी, मगर दंतेवाड़ा जिले में बीते दिनों ठग, तस्कर और आपराधिक घटनाएं कम होने को बजाये तेजी से बढ़ी है.

अगर इसी तरह के घटिया क्वालिटी के कैमरे में लाखों रुपये विभाग को फूंकने थे, तो कैमरों में पैसे खर्च करने की क्या आवश्यकता. इन सबके बावजूद जिसे हाई क्वालिटी के कैमरे बताकर विभाग ने लगवाया गया था आज उन कैमरों में उस स्तर की क्वालटी नहीं है, जिससे किसी घटना को भी स्पष्ट कैमरे में कैद किया जा सके.

ये हाल जिला मुख्यालय में लगे कैमरों का है, इसी तरह से नक्सलग्रस्त इलाके नकुलनार, कटेकल्यान, गीदम, बारसूर सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे. कायदे से विभाग को इन कैमरों को दुरुस्त करवाने की तरफ विशेष ध्यान देना चाहिए, जिससे आपराधिक गतिविधियों पर लगाम लगाया जा सके. दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि सभी जगह कैमरों को दुरुस्त करवाया जाएगा, पता करते हैं कहां-कहां कैमरे बन्द है.