सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर। इनामी नक्सली सीताराम घसिया ने आज एसपी रामकृष्ण साहू के सामने आत्मसमर्पण किया है. पुलिस ने सीताराम घसिया पर 45 हजार का इनाम रखा था. एसपी ने  बताया कि नक्सली सीताराम घसिया 2003 नक्सली संगठन एमसीसी संगठन में शामिल हो गया, जहां 2004 में चलगली पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर उसे जेल भेज था. लेकिन जेल से छूटने के बाद 2005 में नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों में अपने पत्नी देवंती के साथ शामिल हो गया.

भाकपा माओवादी स्टेट कमेटी सदस्य भीम कोडाकू एवं एरिया कमांडर सागर की मौत के बाद संगठन द्वारा सीताराम घसिया को चलगली क्षेत्र का एरिया कमांडर एवं देवंती को डिप्टी कमांडर बनाया गया. जिससे क्षेत्र के साथ विभिन्न अपराधों में शामिल रहा. वहीं 2006 सीताराम घसिया स्टेट कमेटी सदस्य बड़ा विकास एवं अन्य द्वारा तत्कालीन थाना प्रभारी अजितेश सिंह नेतृत्व में निकली गस्त पार्टी पर सोनहरा गोबरा जंगल में की ओर निकला था, तभी नक्सलियों ने घात लगाकर आईईडी ब्लास्ट कर अंधाधुंध फायरिंग की गई, जिसमें निरीक्षक अजितेश सिंह के पीठ पर गोली लगने से घायल हुए.

उस घटना के बाद से सीताराम आज तक फरार था, जिसका कहीं पता नहीं चल रहा था. उसकी पत्नी देवंती को सनावल क्षेत्र में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था, जो वर्तमान में अपने घर दहेजवार बलरामपुर निवासरत है. पुलिस ने सीताराम घसिया की तलाश शुरू की लेकिन आज तक नहीं मिल पाया था.

एसपी ने कहा की घटना के बाद नक्सली झारखंड,बिहार, नेपाल ,चाईना बॉर्डर, गया था, जहां एरिया कमांडर के रूप में नेतृत्व करता था. आत्मसमर्पण के बाद उन्होंने नक्सलियों अपील की है कि मुख्यधारा से जुड़े.