कुमार इंदर, जबलपुर। मध्य प्रदेश का बिजली मुख्यालय कहने के लिए जबलपुर में है उसके बावजूद बिजली चोरी का हब बना हुआ है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंतर्गत आने वाले पांच संभागों में पूर्व संभाग ऐसा है जहां बिजली की कुल खपत का 50% हिस्सा लाइन लॉस में जा रहा है। लाइन लॉस की वजह सिर्फ बिजली की चोरी नहीं बल्की लाइन लॉस अन्य वजहों से भी हो रहा है। अकेले पूर्व संभाग की बात करें तो यहां बिजली की खपत औसतन 97.34 लाख यूनिट होती है जिसमें से 68.47 लाख यूनिट की बिजली चोरी हो रही है यानी को 60% से ज्यादा की बिजली चोरी हो रही है। खपत के मुकाबले लाइन लॉस का औसत निकाला जाए तो पूर्व संभाग में हर माह 3 से 4 करोड़ की बिजली की चोरी हो रही है।

लाइन लॉस की वजह

जबलपुर के पांच संभागों में से पूर्व संभाग में सबसे ज्यादा लाइन लॉस सामने आ रहा है। लाइन लॉस की बात करें तो सबसे ज्यादा बिजली की चोरी होने के साथ-साथ डिस्कनेक्शन के बाद भी लाइन जोड़कर बिजली की खपत होने, बिजली लाइन में तार फंसाकर (कटिया) बिजली चालू करने और उपकरण खराब होने के चलते ही खपत का 50 फीसदी हिस्सा लॉस में जा रहा है। पूर्व संभाग में यूं तो 67814 उपभोक्ता दर्ज हैं जिनसे 97.34 लाख यूनिट बिजली की खपत होती है जबकि लाइन लॉस की बात करें तो 68.47 लाख यूनिट बर्बाद हो रहा है।

इस जोन के लोग करते घेराव

पूर्व विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पूर्व विद्युत क्षेत्र के लोग ही बिजली की समस्या को लेकर सबसे ज्यादा घेराव करते हैं लेकिन हैरानी की बात यह है कि, इसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा लाइन लॉस ,इसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा बिजली बिल के बकायदार भी है। पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के पूर्व संभाग में कुल उपभोक्ताओं की बात करें तो 67 हजार 814 उपभोक्ता दर्ज हैं, जिनमें से 26 हजार 825 उपभोक्ता बकायादार की श्रेणी में हैं। आलम ये है कि, बार बार बकाया बिल भेजने के बावजूद ये बकायादार न तो बिल भरते हैं और न ही इन पर अधिकारियों की समझाइश का ही कोई असर पड़ रहा है।

अधीक्षण अभियंता संजय अरोड़ा कहा कि, उनके पास पर्याप्त मैनपॉवर और संसाधन उपलब्ध हैं। लाइन लॉस रोकने जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वे खुद मौके पर जाकर बिजली चोरी और लाइन लॉस को रोकने की कोशिश करते हैं। एसई अरोड़ा का दावा है कि, आने वाले दिनों में लाइन लॉस और बिजली बिल की रिकवरी में अंतर देखने को मिलेगा।

विभाग पर उठे सवाल

शहर के मदार टेकरी, नया मोहल्ला, चार खंबा, रद्दी चौकी, रजा चौक, बहोराबाग, चांदनी चौक, मोहरिया, मंडी मदार टेकरी जैसे कई मुस्लिम बाहुल्य इलाके में विवाद के हालात बनते है, लिहाजा विभाग भी कार्रवाई से कतराता है।

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