रायपुर.र बृहस्पति सिंह मामले में आज मंत्री टीएस सिंहदेव सदन छोड़कर चले गए. सदन से बाहर जाने से पहले उन्होंने भावुक होकर कुछ बातें कही.
उन्होंने सदन में कहा कि
मैं भी एक इंसान हूं मेरे चरित्र के बारे में सब जानते हैं. शायद कुछ छिपा हुआ है जिसे अब सामने लाने की कोशिश की जा रही है. मैं नहीं समझता हूँ कि मेरी स्थिति ऐसी है कि जब तक शासन की ओर से इस पर स्पष्ट जवाब ना आ जाए मैं इस पवित्र सदन में रहना उचित नहीं समझता.
जाने क्या है पूरा मामला
पिछले दिनों विधायक बृहस्पति सिंह ने मंत्री टीएस सिंहदेव पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि महाराजा टीएस सिंहदेव उनकी हत्या कराकर मुख्यमंत्री बनना चाहते है. जिसके बाद से ये मामला सुर्खियों में है.
वहीं बृहस्पति सिंह मामले में गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने जो वक्तव्य दिया है उसके बाद विपक्षी सदस्यों ने नाराज़गी जताई.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा- गृहमंत्री सोये रहते हैं और दूसरे दिन उठकर आकर सदन में वक्तव्य देते हैं. इस विधानसभा में इससे ओछी हरकत दूसरी नहीं हो सकती कि विधायक मंत्री पर हत्या का आरोप लगा दे. गृहमंत्री के वक्तव्य पर यदि आसंदी सहमत है तो हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं देनी है.
जेसीसी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा- बृहस्पति सिंह ने कहा था कि मुख्यमंत्री बनने के लिए सिंहदेव हत्या कराना चाहते हैं. ये यक्ष प्रश्न है, जो अभी खड़ा हुआ है. गृहमंत्री सिर्फ़ पीएसओ के झगड़े का ज़िक्र अपने वक्तव्य में कर रहे हैं. हत्या किये जाने के बृहस्पति सिंह के आरोप पर सदन में जवाब आना चाहिए.
बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा- सरगुज़ा के किसी चौक में घटी घटना की बात हम नहीं कर रहे थे. सदन नोटिफ़ाई हो चुका है और एक विधायक एक मंत्री पर हत्या किये जाने का आरोप लगा रहे हैं ये गम्भीर है. ये कांसिपीरेंसी सामने आनी चाहिये.
बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा- बृहस्पति सिंह यदि सही कह रहे हैं तो मंत्री सिंहदेव पर कार्रवाई होनी चाहिये, यदि मंत्री सिंहदेव कह रहे हैं तो बृहस्पति सिंह पर कार्रवाई होनी चाहिये.
बीजेपी विधायक नारायण चंदेल ने कहा- छत्तीसगढ़ शांति का टापू रहा है. अविभाजित मध्यप्रदेश में भी ऐसी घटना कभी नहीं घटी.
बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- सदन का कोई सदस्य यदि ये आरोप लगाये कि उसकी हत्या हो सकती है इस मामले में सरकार का वक्तव्य नहीं आये तो उचित नहीं है.
जिसके बाद मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा-
मैं भी एक इंसान हूँ मेरे चरित्र के बारे में सब जानते हैं. शायद कुछ छिपा हुआ है जिसे अब सामने लाने की कोशिश की जा रही है. मैं नहीं समझता हूँ कि मेरी स्थिति ऐसी है कि जब तक शासन की ओर से इस पर स्पष्ट जवाब ना आ जाए मैं इस पवित्र सदन में रहना उचित नहीं समझता.
इसके बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई.