रायपुर. विधानसभा के मानसून सत्र में शराब पर सेस का मामला बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने उठाया. उन्होंने पूछा कि विशेष कोरोना शुल्क से मिली राशि स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित क्यूं नहीं दिया गया?
इसके जवाब में मंत्री मो. अकबर ने कहा, राशि की जब ज़रूरत होगी तब हस्तांतरित की जाएगी.
अजय चंद्राकर ने कहा- स्वामी आत्मानंद अंग्रेज़ी स्कूल के लिए 36 करोड़ रुपये कहां से दिए गये?
मंत्री मो. अकबर का जवाब – स्कूल के किए ये राशि दी गई है शेष राशि जमा है.
अजय चंद्राकर ने कहा- सदन में दो उत्तर आ रहे हैं. मंत्री ने कहा कि पूरी राशि जमा है और अब कह रहे हैं स्कूल के लिए राशि दी गई. चंद्राकर ने पूछा- कोरोना के लिए जब राशि ली जा रही है तो क्या उसे दूसरे मदों में खर्च किया जा सकता है?
मो. अकबर ने कहा- विशेष आबकारी शुल्क मद से स्कूल को राशि दी गई.
अजय चंद्राकर ने कहा- कोरोना के लिए यदि देशी-मदिरा में सेस लिया गया है तो उसका खर्च तय मद में ही होगा.
चंद्राकर ने की मांग- सदन की कमेटी बनाकर इस मामले की जांच कराई जाए.
बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने पूछा– कोरोना को लेकर की गई विशेष शुल्क को दूसरे मद में खर्च नहीं किया जा सकता? यदि किया गया तो किस नियम से? बीजेपी सदस्यों ने सरकार पर सदन में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया. ये दुर्भभाग्यपूर्ण है.
मंत्री मो.अकबर ने सदन में कहा- मैं पूरी ज़िम्मेदारी से कह रहा हूँ दूसरे मदों में राशि खर्च नहीं हुई. अजय चंद्राकर ने राजपत्र की कॉपी सदन के पटल पर रखी.
संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा– स्वामी आत्मानंद स्कूल से दिक़्क़त क्या है आप लोगों को?
मंत्री की टिप्पणी पर विपक्षी सदस्यों ने जमकर हंगामा किया, सत्तापक्ष के जवाब से असंतुष्ट बीजेपी विधायकों ने फिर वाक्आउट किया.
कितना लिया गया है सेस
देशी मदिरा बोतल, अद्धी व पाव पर प्रति नगर 10 रुपए की दर से विशेष आबकारी शुल्क (अधोसंचरना उन्नयन) लिया गया है. वित्तीय वर्ष 2020-21वर्ष 30 जून तक कुल 320. 61 करोड़ की राशि जमा है. वहीं विशेष कोरोना शुल्क, विदेशी मदिरा (स्प्रिट/माल्ट) के फुटकर विक्रय दर पर 10 प्रतिशत की दर से शुल्क लिया गया, जो कुल 245.24 करोड़ हुई है.