आंध्र प्रदेश: शुरुआती रुझानों में वाईएसआर कांग्रेस का जबर्दस्त प्रदर्शन, सत्ताधारी तेदेपा दहाई के अंकों में सिमटी
ओडिशा: नवीन पटनायक फिर सरकार बनाने की ओर, लेकिन सीटें कम होती दिख रहीं
सिक्किम: एसडीएफ और एसकेएम के बीच में कड़ा मुकाबला, सत्ताधारी एसडीएफ को बढ़त
अरुणाचल: भाजपा ने क्षेत्रीय दलों पर बढ़त बनाई, 2014 के मुकाबले सीटें बढ़ सकती हैं
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नई दिल्ली. आंध्रप्रदेश विधानसभा चुनाव के शुरुआती नतीजों में वाईएसआर कांग्रेस को बहुमत मिल गया है. जगनमोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस 147 सीटों पर आगे चल रही है. 2014 में चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा को बहुमत मिला था. राज्य में बहुमत के लिए 175 सीटों में से 88 सीटें चाहिए. नायडू आज मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं.
इसके अलावा ओडिशा में नवीन पटनायक लगातार पांचवीं बार सरकार बनाने जा रहे हैं. इससे पहले उन्होंने 2000, 2004, 2009 और 2014 में सरकार बनाई थी. उनकी पार्टी बीजद 100 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, राज्य में सरकार बनाने के लिए 74 सीटें (कुल 147) चाहिए। उधर, अरुणाचल में भाजपा, सिक्किम में एसडीएफ आगे चल रही है.
ओडिशा : कुल सीटें : 147, बहुमत : 74
आंध्रप्रदेश विधानसभा की 175 सीटों के लिए 11 अप्रैल को 79.88% मतदान हुआ था. यह 2014 से करीब 1% ज्यादा था. राज्य में करीब 3.13 करोड़ मतदाताओं ने 2118 प्रत्याशियों के लिए वोट दिए. जगनमोहन ने 3000 किमी की पैदल यात्रा के जरिए राज्य में नायडू सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी मुहिम छेड़ी. विशेषज्ञों के मुताबिक, 2014 के चुनाव में आंध्रप्रदेश में तेदेपा सरकार आने की बड़ी वजह कांग्रेस के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी और पार्टी के राज्य को विशेष दर्जा दिलाने जैसे वादे थे. हालांकि, 2018 में तेदेपा ने विशेष राज्य के मुद्दे पर एनडीए से गठबंधन तोड़ लिया था. जगन ने इस मुद्दे को भी अपने भाषणों में खूब उछाला.
आंध्रप्रदेश: कुल सीटें- 175, बहुमत- 88