राकेश चतुर्वेदी/ दिनेश शर्मा, भोपाल/ सागर। सागर सीजेएम कोर्ट ने दुर्लभ वन्य प्राणियों के अंतर्राष्ट्रीय और अन्तर्राज्यीय तस्करों के खिलाफ तस्करी मामले में ऐतिहासिक फैसला दिया है. इस फैसले में 13 आरोपियों को 7-7 साल की सजा सुनाया है. इसके अलावा फैसले में न्यायाधीश विवेक कुमार पाठक ने मुख्य आरोपी मनी वनन को सात साल की सजा के साथ 5 लाख का जुर्माना भी लगाया है.
मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बीते 1 साल 7 माह से लगातार सुनवाई की जा रही थी. लॉकडाउन में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई जारी थी. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले तक सीजेएम को न बदलने और फैसले की सुनवाई तक प्रमोशन होने के बाद भी सीजेएम का ट्रांसफर न करने के आदेश दिया था. 167 पेज के फैसले में न्यायधीश ने सभी आरोपियों को अलग-अलग जुर्माने से भी दण्डित किया है.
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दरअसल साल 2017 में स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स भोपाल ने तस्कर गिरोह का पर्दाफाश किया था. जो पिछले 7-8 साल से चंबल नदी में पाए जाने वाले लाल तिलकधारी कछुए और पैंगोलिन के शल्क की तस्करी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर रहा था. 5 मई 2017 को रीजनल टाइगर स्ट्राइक फोर्स सागर और स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स की संयुक्त टीम ने श्योपुर जिले के संबलगढ़ वन परिक्षेत्र के मोंगिया पुरा में नंदलाल के घर छापा मारा था. जहां उसके घर से विलुप्त प्राय प्राणी पैंगोलिन के शल्क मिले थे. जिसके बाद आरोपी को हिरासत में लिया गया था.
बता दें कि उस समय मामले की जांच श्रद्धा पांढ़रे कर रहीं थीं. इस दौरान आरोपी को ट्रांजिट रिमांड की पूछताछ में लंबे समय से वन्य प्राणियों की तस्करी में लिप्त एक बड़े संगठित गिरोह का पर्दाफाश हुआ था. इसके बाद आरटीएसएफ और एसटीएसएफ में अलग-अलग जगह से 14 तस्करों को गिरफ्तार किया था. मामले में वन विभाग की तरफ से अभियोजन अधिकारी सुधा विजय भदौरिया ने अलग-अलग 2500 पेज के परिवाद पेश किया था. जिसके बाद 16 जनवरी 2020 को 13 बड़े तस्करों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए.
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गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय तस्करों को जमानत नहीं दी और संबंधित न्यायालय को शीघ्र ही मामले के निराकरण के निर्देश दिए थे. इस मामले में जनवरी 2020 से लगातार दिन प्रतिदिन सुनवाई की गई. अभियोजन पक्ष ने 27 साथियों को अदालत में पेश किया था. 16 जुलाई को मामले का अंतिम तर्क पेश किया गया. जिसके बाद सीजेएम विवेक कुमार पाठक ने आज 19 जुलाई को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 39, 44, 48, 48 ए4G 51 और 51 के तहत आरोपी मानते हुए सभी आरोपियों को सजा सुनाई. वहीं इस गिरोह के मुख्य सरगना मनि वनन को पहले बैकॉक के स्वर्ण भूमि एयरपोर्ट पर लगभग 890 कछुओं के साथ गिरफ्तार किया गया था. जिसकी वहां पर संबंधित न्यायालय में तत्काल जमानत मिल गई थी. जिसके खिलाफ थाईलैंड सरकार ने रेड कॉर्नर जारी किया है.
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