जालंधर। हॉकी ओलंपियन वरिंदर सिंह का मंगलवार तड़के जालंधर में निधन हो गया. वरिंदर सिंह का जन्म 16 मई 1947 को हुआ था. उन्होंने म्यूनिख में 1972 के समर ओलंपिक में कांस्य पदक जीता. इसके अलावा, उन्होंने 1976 के समर ओलंपिक में भी हिस्सा लिया. हॉकी इंडिया ने 75 वर्षीय वरिंदर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि दो बार के ओलंपियन भारतीय हॉकी के गौरवशाली इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं.

मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित थे वरिंदर सिंह

‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ के विजेता वरिंदर सिंह 1970 के दशक में भारत की कई ऐतिहासिक जीत का अभिन्न हिस्सा रहे हैं. उनकी प्रमुख उपलब्धियों में मलेशिया में 1975 के पुरुष हॉकी विश्व कप में स्वर्ण पदक शामिल है. यह विश्व कप में भारत का एकमात्र स्वर्ण पदक है, इसमें भारत ने पाकिस्तान को 2-1 से हराया था. वरिंदर 1972 म्यूनिख ओलंपिक में कांस्य पदक और एम्सटरडम में 1973 विश्व कप में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे.

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1974 और 1978 एशियाई खेलों में टीम ने जीता था सिल्वर मेडल

वरिंदर सिंह की मौजूदगी वाली टीम ने 1974 और 1978 एशियाई खेलों में भी रजत पदक जीता. उन्होंने 1976 के मॉन्ट्रियल ओलंपिक में भी भाग लिया. 2007 में वरिंदर सिंह को प्रतिष्ठित ध्यानचंद लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.

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साल 2008 से वरिंदर सिंह पंजाब खेल विभाग में बतौर कोच सेवाएं दीं

वरिंदर सिंह ने साल 1985 से 1993 तक पंजाब एंड सिंध बैंक हॉकी टीम में बतौर कोच सेवाएं दीं. वर्ष 2008 से वे पंजाब खेल विभाग में बतौर कोच शामिल थे. बता दें वरिंदर काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. “हॉकी का मक्का” कहे जाने वाले जालंधर की प्रतिष्ठित सुरजीत हॉकी सोसायटी ने वरिंदर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया.