दिल्ली की गलियों, स्मारकों और उनकी चमक-दमक को फिर से नजदीक से देखने का अवसर आने वाला है. दिल्ली परिवहन निगम (DTC) और पर्यटन विभाग मिलकर ‘दिल्ली दर्शन’ बस सेवा(Delhi Tourist Bus Service) को नए स्वरूप में शुरू करने की योजना बना रहे हैं. कोविड-19 के पांच साल के ठहराव के बाद, अब इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली की समृद्ध विरासत और नए आकर्षणों की सैर कराएंगी.
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कहां-कहां चलेंगी बसें?
पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी है कि इस बार दिल्ली दर्शन सेवा को दो अलग-अलग मार्गों पर शाम के समय संचालित करने की योजना बनाई गई है. यह सेवा शाम 4 से 5 बजे के बीच शुरू होगी और रात 9 बजे तक चलेगी. इस बार दिल्ली के नए आकर्षण, जैसे प्रधानमंत्री संग्रहालय और युद्ध स्मारक, को शामिल किया जाएगा, साथ ही स्मारकों और इमारतों की भव्य लाइटिंग भी इस यात्रा का हिस्सा होगी. एक अधिकारी ने बताया कि शाम का समय इसलिए चुना गया है ताकि पर्यटक दिल्ली की चमकती रात और नए पर्यटन स्थलों का अनुभव कर सकें.
इस बार नहीं होगा ”HoHo” नाम
पहले की ‘हॉप-ऑन हॉप-ऑफ’ (होहो) सेवा दिल्ली जैसे व्यस्त शहर में प्रभावी नहीं रही, क्योंकि बसों का बार-बार संचालन करना कठिन था. अब इस सेवा को एक निश्चित लूप और निर्धारित स्टॉपेज के साथ पुनः डिजाइन किया जा रहा है. इसे ‘होहो’ नाम नहीं दिया जाएगा, क्योंकि यह नाम पहले से ही निजी ऑपरेटरों द्वारा उपयोग में है. नया नाम जल्द ही घोषित किया जाएगा.
इलेक्ट्रिक बसों का कमाल
डीटीसी ने पर्यटन विभाग को दो इलेक्ट्रिक बसें प्रदान की हैं, जो विशेष रूप से इस सेवा के लिए तैयार की जाएंगी. इन बसों को दिल्ली के प्रसिद्ध स्मारकों की छवियों और दिल्ली सरकार की ब्रांडिंग से सजाया जाएगा. परिवहन मंत्री पंकज सिंह ने बताया कि यह बसें एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत दी गई हैं, और यदि मांग में वृद्धि होती है, तो और बसें जोड़ने पर विचार किया जाएगा.
बजट में पर्यटन को बढ़ावा
मार्च में बजट घोषणा के दौरान, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पर्यटन क्षेत्र के लिए 117 करोड़ रुपये का आवंटन किया, जो पिछले वर्ष के 66 करोड़ रुपये की तुलना में 77.27% की वृद्धि दर्शाता है. उन्होंने कार्तव्य पथ, प्रधानमंत्री संग्रहालय, युद्ध स्मारक, और नए संसद भवन को नए पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करने का उल्लेख किया.
क्या होगा खास?
मार्ग: बसें प्रतिदिन 60-70 किलोमीटर की यात्रा करेंगी, जिसमें दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों और स्मारकों को शामिल किया जाएगा.
नया नाम: सेवा का नाम, मार्ग की जानकारी, किराया, और प्रारंभिक एवं अंतिम स्टॉप जल्द ही निर्धारित किए जाएंगे.
पुरानी यादें: पहले दिल्ली दर्शन की बसें सुबह 9:15 बजे से लेकर शाम 5:45 बजे तक चलती थीं, जो लाल किला, राज घाट, बिड़ला मंदिर, कुतुब मीनार, कमल मंदिर, हुमायूं का मकबरा और अक्षरधाम जैसे प्रमुख स्थलों का दौरा करती थीं.
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