Holashtak 2025: होली पर्व से पूर्व के आठ दिनों की अवधि को होलाष्टक कहा जाता है. यह फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी से पूर्णिमा तक रहता है. इस वर्ष होलाष्टक 7 मार्च 2025 से प्रारंभ होकर 14 मार्च 2025 तक रहेगा.

हिंदू धर्म में इस दौरान कई शुभ कार्यों को वर्जित माना गया है. मान्यता है कि होलाष्टक के समय ग्रहों की स्थिति उग्र होती है, जिससे कार्यों में विघ्न आने या अशुभ फल प्राप्त होने की संभावना बढ़ जाती है. हालांकि, इस अवधि में भगवान की आराधना, दान-पुण्य और आध्यात्मिक साधना अत्यंत शुभ मानी जाती है.

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होलाष्टक के दौरान वर्जित कार्य (Holashtak 2025)

  • विवाह समारोह – इस अवधि में विवाह करना अशुभ माना जाता है.
  • वाहन या संपत्ति की खरीद – नया वाहन, घर या भूमि खरीदना वर्जित है.
  • भूमि पूजन और गृह प्रवेश – नए घर में प्रवेश या भूमि पूजन नहीं किया जाता.
  • सोलह संस्कार – नामकरण, मुंडन आदि संस्कार इस समय नहीं किए जाते.
  • यज्ञ, हवन या होम – धार्मिक अनुष्ठान जैसे यज्ञ या हवन करना निषिद्ध है.
  • नया व्यापार आरंभ करना – इस दौरान नया व्यवसाय या उद्यम शुरू नहीं किया जाता.
  • नए वस्त्र या आभूषण खरीदना – इस अवधि में नए कपड़े या आभूषण नहीं खरीदे जाते.
  • महत्वपूर्ण यात्राएँ – यदि आवश्यक न हो तो यात्रा करने से बचना चाहिए.

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क्या करें? (Holashtak 2025)

होलाष्टक के दौरान भगवान विष्णु और शिव की पूजा, दान-पुण्य, मंत्र-जप और ध्यान करना शुभ माना जाता है.