मनीषा त्रिपाठी, भोपाल। देश भर में अभी होली की धूम है। इसी बीच इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया पड़ रहा है। होली फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि पर 24 मार्च रविवार को जलाई जाएगी। भद्र होने से रात 10:50 के बाद ही होलिका दहन करना शुभ रहेगा। वैसे इस दिन फाल्गुन पूर्णिमा के चलते चंद्र ग्रहण भी रहेगा, जो भारत में नहीं दिखेगा।

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यह उप छाया ग्रहण है, इसलिए इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। राजधानी भोपाल में 1200 से ज्यादा जगह पर होलिका दहन किया जाएगा। पुजारियों का कहना है कि होलिका दहन रवि, बुधादित्य और सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा। अगले दिन 25 मार्च को होली खेली जाएगी। इस अवधि में 24 को व्रत और 25 को स्नान दान पूर्णिमा रहेगी। खरमास का समापन भी होली के दिन ही होगा।

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पुराणों के अनुसार भद्रा भगवान सूर्य की पुत्री और शनि देव की बहन है। पंचांग शुद्धि में भद्रा का खास महत्व होता है। यह प्रायः अशुभ दृष्टि वाली है। ज्योतिष में तिथि, वार, योग, नक्षत्र और कारण से मिलकर पंचांग बनता है। इसमें से सातवें करण विष्टि का नाम ही भद्रा है। यह सदैव गतिशील होती है। वैसे तो भद्र का अर्थ मंगल करने वाला होता है लेकिन इस अर्थ की विपरीत विष्टि या भद्रा करण में शुभ कार्य निषेध बताए गए हैं। वैसे लगभग प्रत्येक पूर्णिमा पर भद्र आती है।


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