Holika Dahan 2024 : होलिका दहन होली के त्योहार की एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जिसे पूरे भारत में उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. इसमें बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में होलिका का दहन करने की प्रथा लंबे समय से चली आ रही है.ऐसी मान्यता है कि होलिका की अग्नि के साथ सभी बुराइयों का नाश होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. मान्यतानुसार कई ऐसी प्रथाएं हैं जो होलिका दहन से जुड़ी हैं और इनका विशेष महत्व है. ऐसे ही एक मान्यता है कि होलिका दहन के साथ इस अग्नि की परिक्रमा करना आपके लिए फलदायी होता है.

ऐसा माना जाता है कि ज्योतिषीय मान्यताओं के कारण होलिका दहन की परिक्रमा से आपके घर में शुभ लाभ होते हैं और समृद्धि आती है. सवाल यह उठता है कि क्या में गर्भवती महिलाओं की इस अग्नि की परिक्रमा करनी चाहिए अथवा इससे दूर रहकर ही आशीर्वाद लेना चाहिए. आइए इसके बारे में विस्तार से जानें. 

होलिका दहन और उसका महत्व  (Holika Dahan 2024)

होलिका दहन एक ऐसा पर्व है जिसे छोटी होली भी कहा जाता है. यह पर्व रंगों की होली से एक रात पहले मनाया जाता है. इस अनुष्ठान में दुष्टता पर भक्ति और सदाचार की जीत का जश्न मनाने के लिए राक्षस राजा हिरण्यकश्यप की बहन होलिका का पुतला जलाने की प्रथा काफी लंबे समय से चली आ रही है. 

लोग अक्सर होलिका की अग्नि में नकारात्मक प्रभावों का दहन करते हैं और आशीर्वाद और सुरक्षा प्राप्त करने के लिए इस अलाव के चारों ओर परिक्रमा करते हैं. परिक्रमा करने से आपके भीतर के सभी बुरे विचारों का नाश होता है और मन में सदाचार की भावना जागृत होती है. 

क्या प्रेग्नेंसी में होलिका अग्नि की परिक्रमा करना ठीक है?

  • ज्योतिष की मानें तो कई ऐसे कारक हैं जो व्यक्तियों के निर्णयों और कार्यों को प्रभावित करते हैं, जो किसी गर्भवती महिला की और उसके होने वाले बच्चे की शुभता को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं.
  • जब बात गर्भावस्था के दौरान होलिका दहन की परिक्रमा जैसे धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लेने की बात आती है, तो विभिन्न ज्योतिषीय सिद्धांतों पर विचार किया जाता है. ऐसा माना जाता है कि प्रेग्नेंसी में किसी भी ग्रह की स्थिति को ध्यान में रखकर ही कोई निर्णय लेना उचित होता है.
  • ज्योतिष आकाशीय पिंडों की स्थिति का विश्लेषण करता है. प्रेग्नेंसी में गतिविधियों के लिए अनुकूल या प्रतिकूल समय निर्धारित करने में ग्रहों में विशेषकर चंद्रमा का प्रभाव महत्वपूर्ण माना जाता है. अगर हम होलिका की अग्नि की परिक्रमा की बात करते हैं तो प्रेग्नेंसी में इसकी परिक्रमा न करें की ही सलाह दी जाती है.
  • दरअसल कई नकारात्मक शक्तियां इस अग्नि के आस-पास होती हैं जिनका नाश इस अग्नि से होता है. अगर इस अग्नि की परिक्रमा की जाती है तो कोई बुरी शक्ति का वास शरीर पर हो सकता है. इसलिए इसकी परिक्रमा से बचना ही ठीक है. 

प्रेग्नेंसी में जरूरी है मुहूर्त या शुभ समय का ध्यान रखना 

ज्योतिष में मुहूर्त या शुभ समय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. गर्भवती महिलाओं को सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाने के लिए अनुकूल अवधि के दौरान ही कोई भी गतिविधि करने की सलाह दी जाती है.अगर आप प्रेग्नेंसी में होलिका की अग्नि की परिक्रमा करना चाहती हैं तो ध्यान रखें कि उस समय ये परिक्रमा करें जब तुरंत ही यह अग्नि प्रज्ज्वलित की गयी हो या फिर आस-पास ज्यादा भीड़ न हो. वैसे आपको यही सलाह दी जाती है कि इस अग्नि की परिक्रमा से बेहतर आप इसके दर्शन कर लें और उनसे भलाई की प्रार्थना करें.